गोलियों से फिर गूंजा नजरलीचक गांव

मसौढ़ी : पुनपुन थाना का नजरलीचक गांव शनिवार को एक बार फिर गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्रा उठा. पीड़ित परिवार ने अपने घर में व घर की सीढ़ियों के नीचे छुप कर जान बचायी. पुनपुन पुलिस ने सिर्फ एक सहायक अवर निरीक्षक को मामले को काबू में करने के लिए भेजा. पुलिस की इस उदासीनता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2014 6:57 AM

मसौढ़ी : पुनपुन थाना का नजरलीचक गांव शनिवार को एक बार फिर गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्रा उठा. पीड़ित परिवार ने अपने घर में व घर की सीढ़ियों के नीचे छुप कर जान बचायी. पुनपुन पुलिस ने सिर्फ एक सहायक अवर निरीक्षक को मामले को काबू में करने के लिए भेजा. पुलिस की इस उदासीनता से पीड़ित परिवार दहशत में है. फिलहाल वहां दोनों पक्षों के बीच तनाव व्याप्त है. ग्रामीण पुलिस अधीक्षक ने घटना की जानकारी से इनकार किया है.

जानकारी के मुताबिक नजरलीचक गांव के राजेश्वर यादव व उनके दूर के रिश्तेदार झमेला यादव व उनके परिजनों के बीच पूर्व से भूमि विवाद व्याप्त है. आरोप है कि इसे लेकर बीते शुक्रवार को राजेश्वर यादव पर झमेला यादव व उनके परिजनों ने उस वक्त जम कर फायरिंग की थी जब वह अपने घर के पास स्थित भूमि में ट्रैक्टर से काम कर रहे थे.

हालांकि, इसमें राजेश्वर यादव बाल-बाल बच गया था. इधर, शनिवार की सुबह झमेला यादव, उसके पुत्र सुनी यादव ,अरुण यादव व दिनेश यादव अन्य ने राजेश्वर यादव के घर पर जम कर रोड़ेबाजी की और दर्जन भर गोलियां दागीं. राजेश्वर व उसके परिवार के लोगों ने घर में व घर की सीढ़ी के नीचे छुप कर अपनी जान बचायी. सूचना पाकर घटना के चार घंटे बाद पुनपुन थाना के एक सहायक अवर निरीक्षक मौके पर पहुंचे और कुछ देर बाद बैरंग लौट गये. राजेश्वर यादव का आरोप है कि उसकी शिकायत के बावजूद पुलिस ने झमेला यादव के घर में छापेमारी, तो दूर उससे पूछताछ करना भी मुनासिब नहीं समझा. इस बीच पुनपुन पुलिस ने बताया कि किसी भी पक्ष ने इस संबंध में कोई लिखित शिकायत नहीं की है. उधर, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार पंजियार व ग्रामीण पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय ने घटना के प्रति अनभिज्ञता जतायी है.

Next Article

Exit mobile version