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बीपीएल मामले में पूर्व मंत्री पर हो सकती है प्राथमिकी

पटना : डेढ़ करोड़ से अधिक की संपत्ति के बावजूद गरीबी रेखा के नीचे होने का लाभ लेने के मामले में पूर्व मंत्री व वर्तमान में राजगीर से भाजपा विधायक सत्यदेव नारायण आर्य की परेशानी कम नहीं होनेवाली है. परिवार में 23 प्लॉट, दो एंबेसडर कार, पटना में 50 लाख के दो मकान के अलावा […]

पटना : डेढ़ करोड़ से अधिक की संपत्ति के बावजूद गरीबी रेखा के नीचे होने का लाभ लेने के मामले में पूर्व मंत्री व वर्तमान में राजगीर से भाजपा विधायक सत्यदेव नारायण आर्य की परेशानी कम नहीं होनेवाली है. परिवार में 23 प्लॉट, दो एंबेसडर कार, पटना में 50 लाख के दो मकान के अलावा अन्य संपत्ति होने के बावजूद पूर्व मंत्री आर्य की पत्नी सरस्वती देवी ने बीपीएल में होने की दावेदारी के साथ गरीबों को मिलने वाली अनाज का उठाव किया है.
राजगीर के वार्ड संख्या 10 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्ड बनवाया. इस कार्ड के आधार पर उन्होंने सितंबर और अक्तूबर में दो रुपये किलो गेहूं और तीन रुपये किलो चावल का प्राप्त किया.
कैसे बनता है कार्ड?
ग्रामीण विकास विभाग द्वारा सामाजिक आर्थिक एव जातीय जनगणना के आधार पर गरीबों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्ड उपलब्ध कराया जाता है. विभाग के अधिकारी के अनुसार प्रखंड के स्तर पर निजी पार्टी द्वारा डाटा इंट्री ऑपरेटर के माध्यम से घर-घर जाकर सूची तैयार करेंगे. इसके लिए उन्हें दिशानिर्देश उपलब्ध कराया जाता है. प्रखंड स्तर पर तैयार सूची ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से सुरक्षा कार्ड तैयार कर खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को उपलब्ध कराया जाता है. कार्ड के आधार पर विभाग ऐसे लोगों को दो रुपये किलो गेहूं और तीन रुपये किलो चावल उपलब्ध कराता है. सूची में शामिल लोगों के नामों की एक सप्ताह के अंदर ग्राम सभा की बैठक में सुनाया जाता है. ग्राम सभा की बैठक में दावा आपत्ति का निबटारा कर सूची को स्वीकृत किया जाता है.
इसके बाद ही खाद्य सुरक्षा के दायरे में लाभुकों को बीपीएल का लाभ मिलता है. भाजपा के मुख्य प्रवक्ता विनोद नारायण झा ने कहा कि आनन-फानन में बिना किसी तैयारी के खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने का ही यह नतीजा है. उन्होंने कहा कि आर्य की पत्नी ने नहीं, बल्कि किसी ने इनके नाम पर अनाज का उठाव किया है. इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए झा ने कहा है कि पूरे बिहार में जांच कर गरीबों को सूची में शामिल करते हुए गलत लोगों के नाम का सूची से बाहर किया जाये.
यह एक बड़ी साजिश है. इसकी उच्चस्तरीय जांच की हम मांग करते हैं. यह पता करना चाहिए कि किसने यह बनवाया और अनाज का उठाव किया है. मेरी पत्नी सरस्वती देवी 40 साल से पटना में रह रही है. वह अनाज के लिए राजगीर कैसे जायेगी. इसे समझने की जरूरत है. षड्यंत्र कर किसी ने मेरी पत्नी के नाम से राशन कार्ड बनवाया है. इसकी जांच कर ऐसे लोगों को कड़ी सजा की हम मांग करते हैं.
सत्यदेव नारायण आर्य, पूर्व मंत्री

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