बैंक में ताला, एटीएम ने भी तोड़ा नाता

पटना: एक नवंबर, 2012 से लंबित वेतन पुनरीक्षण, पांच दिवसीय बैंकिंग, पारिवारिक पेंशन में सुधार आदि मांगों को लेकर देश के बैंककर्मी बुधवार को एकदिवसीय हड़ताल पर रहे. बैंक हड़ताल का असर राजधानी समेत गया, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, छपरा, मोतिहारी, पूर्णिया, कटिहार, बेगूसराय, दरभंगा, मधुबनी, बिहारशरीफ, नवादा, बांका आदि जिलों में साफ दिखा. इस दौरान राष्ट्रीयकृत, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 13, 2014 6:44 AM

पटना: एक नवंबर, 2012 से लंबित वेतन पुनरीक्षण, पांच दिवसीय बैंकिंग, पारिवारिक पेंशन में सुधार आदि मांगों को लेकर देश के बैंककर्मी बुधवार को एकदिवसीय हड़ताल पर रहे.

बैंक हड़ताल का असर राजधानी समेत गया, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, छपरा, मोतिहारी, पूर्णिया, कटिहार, बेगूसराय, दरभंगा, मधुबनी, बिहारशरीफ, नवादा, बांका आदि जिलों में साफ दिखा. इस दौरान राष्ट्रीयकृत, निजी, विदेशी बैंकों में ताले लटके रहे. बैंकों में कामकाज नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी हुई. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर राज्य की 5943 से अधिक शाखाओं के 48000 बैंक अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल में शामिल रहे. निजी बैंक के स्टाफ समय पर बैंक पहुंचे, लेकिन शाखा बंद रहने के कारण घंटों बाहर ही खड़े रहे.

बैंक संगठनों ने निजी क्षेत्र के बैंक व सभी एटीएम को ठप कराया. इससे किसी भी प्रकार का बैंकिंग कार्य नहीं हुआ.ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ कुमार अरविंद ने बताया कि हड़ताल के कारण राज्य भर में 15000 करोड़ रुपये का कारोबार बाधित हुआ, जबकि एटीएम से हर दिन राज्य भर में औसतन 130 करोड़ रुपये की निकासी होती है, यह भी बाधित रहा. हड़ताल में नौ संगठन एआइबीइए, एआइबीओसी, एनसीबीइ, एआइबीओए, बेफी, आइएनबीइएफ, आइएनबीओसी, एनओबीडब्ल्यू, एनओबीओ शामिल हुए.

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