ज्यादातर अभिभावक बच्चांे की ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर चिंतित : सर्वे
नयी दिल्ली. देश में इ-कामर्स बाजार तेजी से बढ़ रहा है. वहीं ज्यादातर अभिभावक इस बात को लेकर परेशान हैं कि उनके बच्चे प्रलोभन में आकर ऑनलाइन शॉपिंग से कुछ अनावश्यक उत्पाद खरीद सकते हैं. एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी है. दिलचस्प तथ्य यह है कि आइएनजी वैश्य बैंक के सालाना ‘आइएनजी जिंग’ […]
नयी दिल्ली. देश में इ-कामर्स बाजार तेजी से बढ़ रहा है. वहीं ज्यादातर अभिभावक इस बात को लेकर परेशान हैं कि उनके बच्चे प्रलोभन में आकर ऑनलाइन शॉपिंग से कुछ अनावश्यक उत्पाद खरीद सकते हैं. एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी है. दिलचस्प तथ्य यह है कि आइएनजी वैश्य बैंक के सालाना ‘आइएनजी जिंग’ सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया है कि 84 प्रतिशत अभिभावक खुद ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं. सर्वेक्षण में कहा गया है कि जहां ज्यादातर अभिभावक खुद ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं, वहीं जब उनके बच्चांे द्वारा ऑनलाइन शॉपिंग की बात आती है, तो 55 फीसदी विभिन्न वजहांे से इसको लेकर चिंतित रहते हैं. इनमें सबसे प्रमुख वजह यह है कि उनका बच्चा लालच मंे कुछ अनावश्यक सामान न खरीद ले.सर्वेक्षण में यह तथ्य भी सामने आया है कि 49 प्रतिशत अभिभावक अपने बच्चांे को ऑनलाइन शॉपिंग के लिए प्रोत्साहित नहीं करते. वहीं एक-तिहाई अभिभावक ऑनलाइन शॉपिंग में उनकी मदद करते हैं.सर्वेक्षण में 80 फीसदी अभिभावकांे ने कहा कि उनके बच्चे पैसे को लेकर उनकी आदत का ही अनुसरण करते हैं. चिंताजनक पहलू यह है कि बच्चे अभिभावकों की खर्च करने की आदत को बचत करने की आदत से अधिक सीखते हैं. इसमें कहा गया है, ”आमदनी का स्तर बढ़ने पर बच्चे अधिक खर्च करते हैं, वहीं दूसरी ओर अभिभावक अपनी बचत की आदत को बढ़ाते हैं.” जेब खर्च के बारे में दो-तिहाई अभिभावक 10 साल से अधिक उम्र के बच्चांे को इसे देने के पक्ष में हैं. पिछले साल के सर्वेक्षण मंे 50 फीसदी से अधिक अभिभावक बच्चांे को पॉकेट मनी देने के पक्ष में नहीं थे.