रेडलाइट एरिया के बच्चों को मिले खुला माहौल

पटना: देह व्यापार में संलिप्त महिलाओं की स्थिति संतोषजनक नहीं. वे गरीबी, अशिक्षा व बेरोजगारी के अभाव में इस दलदल में जाने को विवश हैं. कई बार इससे निकलना चाहती हैं, लेकिन हालात नहीं निकलने देते हैं. कुछ इस तरह की बातें शुक्रवार को रेडलाइट एरिया पर काम करनेवाली महिलाओं ने कहीं. एक्जीबिशन रोड स्थित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:51 PM

पटना: देह व्यापार में संलिप्त महिलाओं की स्थिति संतोषजनक नहीं. वे गरीबी, अशिक्षा व बेरोजगारी के अभाव में इस दलदल में जाने को विवश हैं. कई बार इससे निकलना चाहती हैं, लेकिन हालात नहीं निकलने देते हैं.

कुछ इस तरह की बातें शुक्रवार को रेडलाइट एरिया पर काम करनेवाली महिलाओं ने कहीं. एक्जीबिशन रोड स्थित होटल रिपब्लिक में महिला डेवलपमेंट सेंटर की ओर से रेडलाइट एरिया के प्रतिनिधियों की राज्यस्तरीय कार्यशाला हुई, जहां रेडलाइट एरिया में काम रही महिलाओं व उनके बच्चों को सामान्य सुविधाएं मुहैया कराने पर चर्चा की गयी.

बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष निशा झा ने कहा कि सबसे पहले बच्चों के साथ किसी भी तरह का अमानवीय व्यवहार करनेवाला सजा का हकदार है.

कम-से-कम 18 वर्ष तक बच्चे को जीने देना होगा. बाल श्रम आयोग के अध्यक्ष रामदेव प्रसाद ने कहा कि देह व्यापार में शामिल महिलाओं के उन्मूलन से पहले पुनर्वास करने की योजना पर काम करने की जरूरत है. महिला विकास सेंटर के संस्थापक परमहंस प्रसाद सिंह ने बताया कि इस क्षेत्र की महिलाओं के बच्चों को अपनी पहचान छुपानी पड़ती है. उनके साथ दोयम दज्रे का व्यवहार होता है.

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