Lockdown : बिहार में बाहर से आये 1,80,652 लोग, गरूड़ ऐप से रखी जा रही निगरानी, नीतीश बोले- जहां हैं, वहीं रहें, सरकार करेगी मदद
लॉकडाउन के कारण बिहार के बाहर फंसे अप्रवासी बिहारियों एवं बाहर से आये लोगों की समस्याओं के समाधान को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को उच्चस्तरीय बैठक हुई. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने मुख्यमंत्री को बताया कि बिहार में बाहर से अब तक 1 लाख 80 हजार 652 लोग आये हैं. उनकी स्क्रीनिंग करायी जा रही है. साथ ही उन लोगों पर 'गरूड़ एप' के जरिये निगरानी रखी जा रही है. बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग बिहार के बाहर अन्य राज्यों में लॉकडाउन के कारण फंसे हुए हैं, वे जहां हैं, वहीं पर रहें. बिहार सरकार उनकी पूरी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है.
पटना : लॉकडाउन के कारण बिहार के बाहर फंसे अप्रवासी बिहारियों एवं बाहर से आये लोगों की समस्याओं के समाधान को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को उच्चस्तरीय बैठक हुई. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने मुख्यमंत्री को बताया कि बिहार में बाहर से अब तक 1 लाख 80 हजार 652 लोग आये हैं. उनकी स्क्रीनिंग करायी जा रही है. साथ ही उन लोगों पर ‘गरूड़ एप’ के जरिये निगरानी रखी जा रही है. राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में आपदा सीमा राहत केंद्र बनाये गये हैं. इसके अलावा गांवों के स्कूलों में आये प्रवासियों के लिए आवासन और भोजन की व्यवस्था की गयी है.
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री के आवास के दूरभाष, स्थानिक आयुक्त के हेल्पलाइन नंबर तथा आपदा प्रबंधन विभाग के हेल्पलाइन नंबर पर फंसे हुए लोगों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर उनकी समस्याओं एवं उन्हें मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली गयी है. उनके फीडबैक के आधार पर उनलोगों की परेशानियों को दूर किया जा रहा है. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग बाहर से बिहार आये हैं, उनकी स्क्रीनिंग, भोजन एवं आवासन की व्यवस्था के साथ-साथ चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करायी जाये. राज्य के सीमावर्ती जिलों में आपदा सीमा राहत केंद्रों में पूरी व्यवस्था रखें. गांव के स्कूलों में लोगों के आवासन एवं भोजन की उचित व्यवस्था रखें और उन केंद्रों पर सरकारी कर्मचारी को प्रभारी बनाकर बेहतर ढंग से काम कराएं. मुखिया, सरपंच एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि के माध्यम से भी समुचित प्रबंध रखें. पटना जैसे शहरों में काम करनेवाले मजदूरों के लिए जो राहत केंद्र चलाये जा रहे हैं, जरूरत पडे़, तो उनकी संख्या बढ़ाएं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग बिहार के बाहर अन्य राज्यों में लॉकडाउन के कारण फंसे हुए हैं, वे जहां हैं, वहीं पर रहें. बिहार सरकार उनकी पूरी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार अन्य राज्यों की सरकारों से समन्वय स्थापित करते हुए सभी समस्याओं का समाधान कर रही है. उन्होंने कहा कि बाहर रह रहे लोगों के फीडबैक के आधार पर उनकी समस्याओं का समाधान यथाशीघ्र किया जाये. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि लॉकडाउन के मद्देनजर सरकार ने सभी राशन कार्डधारियों को 1000 रुपये देने का जो निर्णय लिया था, उसे जल्द से जल्द लाभुकों के खाते में अंतरित कराएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग जहां भी हैं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. लोग लॉकडाउन का पालन करें. सरकार की तरफ से सारे इतंजाम किये जा रहे हैं. लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है.
बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सामान्य प्रशासन आमिर सुबहानी, पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के सचिव पंकज कुमार पाल, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यपालक पदाधिकारी गोपाल सिंह इस बैठक में उपस्थित थे.