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राशि लेने के छह साल बाद भी पीएम आवास योजना के 1818 घर तैयार नहीं

प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए राशि मिलने के छह साल बाद भी लोग घर नहीं बना सके हैं.

प्रमोद झा,पटना

प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए राशि मिलने के छह साल बाद भी लोग घर नहीं बना सके हैं. आज भी लगभग 1818 घर अधूरे पड़े हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना में राशि लेकर भी घर नहीं बनानेवाले लाभुकों पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. ऐसे लोगों से राशि वापसी के लिए नोटिस जारी हुआ है. लगभग 657 लाभुकों को नोटिस भेजा गया है.

सूत्र ने बताया कि लगभग 600 लाभुकों की मृत्यु होने से घर अधूरा है.इसके अलावा शेष ऐसे लाभुक जिसे दो-दो किस्त की राशि मिल चुकी है. प्रवासी होने के कारण घर के निर्माण में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. ऐसे लोगों को घर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.जिले में दानापुर प्रखंड में सबसे अधिक 552 घर अधूरे हैं. इसके बाद मनेर प्रखंड में 267 घरों का निर्माण नहीं हुआ है. सूत्र ने बताया कि वर्ष 2016-17 से 2021-22 के बीच प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले में एक लाख 36 हजार 715 आवास बनाने की स्वीकृति मिली थी. इसमें एक लाख 34 हजार 897 घरों का निर्माण पूरा हो गया. योजना के तहत लाभुकों के राशि लेने के बावजूद 1818 घरों का निर्माण नहीं हुआ है. दानापुर प्रखंड में सबसे अधिक 552 घर अधूरे पीएम आवास योजना के तहत राशि लेने के बावजूद 552 घरों का निर्माण नहीं हुआ है. अभी भी घर अधूरे हैं. इसके अलावा मनेर में 267, नौबतपुर में 109, मसौढ़ी में 86, धनरूआ में 80, पुनपुन में 77, बिक्रम में 76, दुल्हिनबाजार में 57, पालीगंज में 53, फतुहा में 46, बिहटा, पंडारक व फुलवारी में 44-44, मोकामा में 41, पटना सदर व बाढ़ में 39-39 घोसवरी में 35, खुसरूपुर में 33, संपतचक में 28, अथमलगोला में 22, बख्तियारपुर में 21, दनियावां में 19 व बेलछी में छह घरों का निर्माण नहीं हुआ है. 657 लाभुकों पर सर्टिफिकेट केस सूत्र ने बताया कि योजना के तहत राशि लेकर घर नहीं बनाने वाले को तीन श्रेणियों में बांट कर जांच की गयी. इसमें ऐसे लाभुकों की सूची तैयार की गयी जो घर बनाने में सक्षम हैं.ऐसे लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. दूसरी श्रेणी में ऐसे लाभुक शामिल हैं जो पूरी राशि लेकर भी घर बनाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. ऐसे लगभग 657 लाभुकों पर सर्टिफिकेट केस किया गया है. इसमें बहुत सारे लाभुक प्रवासी हो गयी है. रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में जानेवाले परिवार के साथ बस गये हैं.प्रखंडों में प्रखंड विकास पदाधिकारी को सर्टिफिकेट केस करने की शक्ति दी गयी है. तीसरी श्रेणी में शामिल लगभग 600 लाभुकों की मृत्यु हो चुकी है. ऐसी स्थिति में राशि की रिकवरी संभव नहीं है. जिले में पीएम आवास योजना के तहत स्वीकृत आवास में घरों का निर्माण कम बाकी है.बचे घरों के निर्माण को लेकर लाभुकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. पूरी राशि लेकर घर नहीं बनानेवालों को नोटिस भेजी गयी है.ऐसे लोगों पर कानूनी प्रक्रिया होगी. समीर सौरभ, डीडीसी पटना

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