पटना : चुनाव में किस दल के साथ गंठबंधन हो, इस पर मंथन करने के लिए राष्ट्रीय लोक
समता पार्टी ने जुलाई के तीसरे या चौथे सप्ताह में चिंतन सह प्रशिक्षण शिविर करने का निर्णय लिया है. गंठबंधन का उद्देश्य बिहार की जनता की भलाई और नीतीश सरकार को सत्ता से बेदखल करना होगा. शनिवार को पार्टी के जिलाध्यक्षों व प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बनी
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा व प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार ने नीतीश सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि विकास व काम के आधार पर वोट मांगने की बात करनेवाले मुख्यमंत्री अब भावनात्मक मुद्दों को उछाल रहे हैं. शैक्षणिक अराजकता, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, बिजली की समस्या आदि जनहित सुविधाओं को ठीक करने में यह सरकार विफल रही है. मुख्यमंत्री की नीति के कारण वह व्यक्ति खुद ही प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी की रेस में आ गया, जिसे भाजपा तय करती भी या नहीं. रालोसपा नीतीश सरकार का मंसूबा सफल नहीं होने देगी. राजगीर के चिंतन शिविर में हम बिहार की भलाई के लिए गंठबंधन करने पर विचार-विमर्श करेंगे.
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि गंठबंधन टूटने से जदयू का चरित्र व चेहरा उजागर हुआ है. राज्य में शराब की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. शिक्षक वर्ग को अपमानित किया गया है. स्कूल व विवि में चारित्रिक निर्माण नहीं हो रहा है. बैठक में लुतफूर रहमान, संजय वर्मा, शंकर झा आजाद, राजेश यादव, मनोज यादव, डॉ अभयानंद उर्फ सुमन पटेल, अंगद कुशवाहा, यशोदा कुशवाहा सहित सभी जिलाध्यक्ष व प्रदेश पदाधिकारी शामिल हुए.