अनुसूचित जाति-जनजाति को मूलवासी बताने का मामला: अपने बयान पर कायम हैं मांझी
पटना : बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आज कहा कि गत 12 नवंबर को बेतिया में सवर्णो को विदेशी और उनके पूर्वजों को आर्य बताने के उनके कथित को गलत रुप में लिया गया. हमने अनुसूचित जाति एवं जनजाति को मूलवासी बताया था जिसकी इतिहास से भी पुष्टि होती है. राष्ट्रीय प्रेस दिवस […]
पटना : बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आज कहा कि गत 12 नवंबर को बेतिया में सवर्णो को विदेशी और उनके पूर्वजों को आर्य बताने के उनके कथित को गलत रुप में लिया गया. हमने अनुसूचित जाति एवं जनजाति को मूलवासी बताया था जिसकी इतिहास से भी पुष्टि होती है.
राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर आज यहां आयोजित एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान मांझी से उनके उक्त बयान पर उपजे विवाद के संबंध में पूछने पर उन्होंने कहा कि बेतिया में अनुसूचित जाति बहुल एक गांव के भ्रमण के दौरान निवासियों का मनोबल बढाने के लिए कहा था कि वे अनुसूचित जाति के हैं जो यहां के मूलवासी हैं. हमने उनसे कहा था कि वे जागृत एवं शिक्षित हों, सत्ता उनके हाथ में होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका उद्देश्य स्थानीय निवासियों का मनोबल बढाने का था नाकि कौन देश के बाहर से आया या गया यह बताना. मांझी ने कहा कि यदि कोई 12 वर्ष कहीं रह लेता है तो उसे वहां वास करने और मताधिकार प्राप्त होजाता है. ऐसे में जो पांच सौ या दस सौ वर्ष से यहां रह रहा है उसे विदेशी कैसे कहेंगे. वह यहां का निवासी है लेकिन हमलोग अनुसूचित जाति आदि मूलवासी हैं, यह इतिहास से सत्यापित है.