बिहार से गदहा गायब!
पटना: 19 वीं पंचवर्षीय पशु गणना रिपोर्ट के अनुसार बिहार से गदहे गायब हो गये हैं. 2007 की पशु गणना में राज्य में गदहों की संख्या 23944 थी. पिछली गणना में खच्चर 2335 थे, जबकि इस बार खच्चरों की संख्या 12777 हो गयी. पशु गणना करनेवालों की नजर से गदहे बच गये, या फिर खच्चर […]
पटना: 19 वीं पंचवर्षीय पशु गणना रिपोर्ट के अनुसार बिहार से गदहे गायब हो गये हैं. 2007 की पशु गणना में राज्य में गदहों की संख्या 23944 थी. पिछली गणना में खच्चर 2335 थे, जबकि इस बार खच्चरों की संख्या 12777 हो गयी.
पशु गणना करनेवालों की नजर से गदहे बच गये, या फिर खच्चर के साथ ही इनकी गिनती कर ली गयी, इस पर विभागीय अधिकारी कुछ नहीं बता पा रहे. पशु गणना रिपोर्ट केंद्र को भेजी जायेगी. इसे केंद्र द्वारा पशुगणना रिपोर्ट 2012 के नाम से जारी किया जाना है. पिछले पांच वर्षो में गाय पालन में लोगों की रुचि घटी है. खगड़िया के लोग घोड़ों के शौकीन हैं. गायों में सात लाख की कमी हुई है.
भैंसों की संख्या में भी 84 हजार की कमी हुई है. 65 लाख गायों के साथ अररिया अव्वल है, जबकि मोतिहारी में सबसे अधिक तीन लाख 44 हजार भैंसें हैं. पांच वर्षो में बकरे व बकरियों की संख्या एक करोड़ एक लाख 67 हजार से बढ़ कर एक करोड़ 14 लाख 10 हजार हो गयी. राज्य में मात्र 101 हाथी हैं. ऊंट भी 101 हैं.
कुत्तों की संख्या डेढ़ लाख है. कुत्तों की संख्या में तिगुनी कमी हुई हैं. खरगोशों की संख्या एक हजार बढ़ कर 15468 हो गयी. राज्य में मुरगे व मुरगियों की संख्या 84 लाख है. दो लाख 38 हजार भेड़ें हैं.
अरवल, शिवहर व बांका में एक भी भेड़ नहीं हैं. नवादा, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, बांका, मुंगेर, लखीसराय, बेगूसराय, जमुई, खगड़िया व शेखपुरा में एक भी खच्चर नहीं है. ऊंट मात्र भोजपुर, गोपालगंज, मोतिहारी, वैशाली व बेगूसराय में हैं. जमुई में एक भी घोड़ा नहीं है. सारण, पटना, बक्सर, भोजपुर, औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, सीवान, गोपालगंज, मोतिहारी, वैशाली, दरभंगा, सहरसा, भागलपुर, लखीसराय व बेगूसराय को छोड़ अन्य जिलों में एक भी हाथी नहीं है.