सही फैसला : पक्ष, मंत्री अज्ञानी : विपक्ष
पटना : पटना नगर निगम को निलंबित करने की सिफारिश से गुरुवार को निगम मुख्यालय का माहौल गरम रहा. विपक्षी पार्षद डिप्टी मेयर रूप नारायण मेहता, तो सत्ता पक्ष वाले मेयर अफजल इमाम के कार्यालय में इस पर चर्चा में मशगूल थे. विपक्ष ने जहां इसका विरोध किया, वहीं सत्ता पक्ष के पार्षदों ने सही […]
पटना : पटना नगर निगम को निलंबित करने की सिफारिश से गुरुवार को निगम मुख्यालय का माहौल गरम रहा. विपक्षी पार्षद डिप्टी मेयर रूप नारायण मेहता, तो सत्ता पक्ष वाले मेयर अफजल इमाम के कार्यालय में इस पर चर्चा में मशगूल थे. विपक्ष ने जहां इसका विरोध किया, वहीं सत्ता पक्ष के पार्षदों ने सही निर्णय बताया.
विपक्षी पार्षदों का कहना था कि हम चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं. कोई मंत्री निगम बोर्ड कैसे निलंबित कर सकता है. मंत्री ने एक्ट की अज्ञानता में ऐसी सिफारिश की है. वहीं, सत्ता पक्ष के पार्षदों का कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव के बाद बोर्ड की बैठकों में विपक्षी नहीं शामिल हो रहे थे, तो मंत्री ने छह माह बोर्ड भंग करने का अच्छा निर्णय लिया है.
मंत्री से मिले
गुरुवार को डिप्टी मेयर रूप नारायण के नेतृत्व में विनय कुमार पप्पू, दीपक कुमार चौरसिया, सुनील कुमार, सुषमा साहू सहित 17 पार्षदों ने नगर विकास मंत्री सम्राट चौधरी से मुलाकात की और सीएम से की गयी सिफारिश की कॉपी मांगी. लेकिन, उन्हें पत्र नहीं दिया गया. पार्षद विनय कुमार पप्पू ने कहा कि मंत्री ने कहा कि यह गलत निर्णय है. इसमें सुधार होगा.