1441 खलासी, गैंगमैन, चौकीदार मेठ और हेल्पर बनेंगे पंपपालक

पटना: लघु जल संसाधन विभाग 1441 खलासी, गैंगमैन, खलासी, चौकीदार, ट्यूबबेल मेठ, हेल्पर और स्टोर खलासियों को पंपपालक बनायेगा. पंपपालक बनाने के पहले विभाग सभी कर्मचारियों को एक सप्ताह का प्रशिक्षण देगा. इसका प्रशिक्षण नहीं लेनेवाले कर्मचारियों को विभाग ने वीआरएस देने का निर्णय लिया है. जिलों के मुख्य अभियंताओं को इस संबंध में एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 29, 2014 1:02 AM

पटना: लघु जल संसाधन विभाग 1441 खलासी, गैंगमैन, खलासी, चौकीदार, ट्यूबबेल मेठ, हेल्पर और स्टोर खलासियों को पंपपालक बनायेगा. पंपपालक बनाने के पहले विभाग सभी कर्मचारियों को एक सप्ताह का प्रशिक्षण देगा. इसका प्रशिक्षण नहीं लेनेवाले कर्मचारियों को विभाग ने वीआरएस देने का निर्णय लिया है.

जिलों के मुख्य अभियंताओं को इस संबंध में एक सप्ताह में प्रशिक्षण लेने और नहीं लेनेवाले कर्मचारियों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.

पुनर्गठन के बाद लघु जल संसाधन विभाग ने बड़े पैमाने पर अभियंता व अधिकारियों को इधर-से-उधर किया है.अभियंता-अधिकारियों के तबादले के बाद विभाग ने सभी पंप को अपडेट करने और नियमित जलापूर्ति प्रबंध कराने की योजना पर काम शुरू किया है. जिलों में लघु जल संसाधन विभाग के 1441 कर्मचारी खलासी, गैंग मैन, पंप खलासी, चौकीदार, ट्यूब बेल मेठ, मछुआ,पंप हेल्पर और स्टोर खलासी के पद पर काम कर रहे हैं. जिलों में इन पदों पर 663 स्थायी जबकि 778 अस्थायी कर्मचारी काम कर रहे हैं.

पंप खलासी और पंप हेल्परों को छोड़ अन्य कर्मचारियों को विभाग मरणशील घोषित कर रहा है यानी मरणशील घोषित कर्मचारियों का लघु जल संसाधन विभाग कोई उपयोग नहीं कर रहा है. जिलों में कार्यरत ऐसे कर्मचारियों को हर माह विभाग 1650 से 4200 रुपये मासिक वेतन दे रहा है. पुनर्गठन के बाद विभाग पंप के ठप रहने और सिंचाई सुविधाएं नहीं मिलने की शिकायतों से उबरना चाहता है. जिलों से अक्सर पंप चालकों की अनुपलब्धता के नाम पर पंप चालू नहीं होने की शिकायत मिलती है.संकट को दूर करने के लिए विभाग ने सभी कर्मचारियों को पंप पालक का प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है.

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