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शहीद राधेश्याम का आज आयेगा शव

पटना : छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में शहीद बिहार के जवान राधेश्याम राम का शव बुधवार को पटना पहुंचेगा. सीआरपीएफ कैंप पटना के कांस्टेबल जीतेंद्र दुबे ने बताया कि शव एयर इंडिया के विमान से 12 बजे पटना एयरपोर्ट पहुंचेगा. भोजपुर के उदवंतनगर जाने से पहले शव को मोइनुल हक स्टेडियम में रखा जायेगा, जहां […]

पटना : छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में शहीद बिहार के जवान राधेश्याम राम का शव बुधवार को पटना पहुंचेगा. सीआरपीएफ कैंप पटना के कांस्टेबल जीतेंद्र दुबे ने बताया कि शव एयर इंडिया के विमान से 12 बजे पटना एयरपोर्ट पहुंचेगा. भोजपुर के उदवंतनगर जाने से पहले शव को मोइनुल हक स्टेडियम में रखा जायेगा, जहां उन्हें श्रद्धांजलि दी जायेगी. सीआरपीएफ के बिहार के आइजी अरुण कुमार के अलावा बिहार पुलिस के पदाधिकारी और राज्य के मुख्य सचिव शामिल होंगे.
बेटा, तोर पापा अब ना अइहें
सीआरपीएफ जवान राधेश्याम के शहीद होने की खबर से गांव में मातम
आरा : छत्तीसगढ़ के सुकुमा में नक्सली हमले में सीआरपीएफ के अधिकारियों सहित 13 जवान शहीद हो गये थे, जिनमें भोजपुर जिले के गजराजगंज ओपी थाना क्षेत्र के तिरोजपुर गांव का होनहार युवक व सीआरपीएफ जवान राधेश्याम पासवान भी शामिल थे. बुधवार को शहीद जवान का शव गांव आयेगा. इसकी खबर सुनते ही गांव का माहौल गमगीन हो गया और परिवारवाले दहाड़ मार रोने लगे. शहीद जवान की पत्नी ‘बेटा तोर पापा अब ना अइहे.. ’ कह कर विलाप कर रही थी. शहीद के बच्चों को समझ नहीं आ रहा था कि क्या हुआ. पांच वर्षीय बेटी मुस्कान बार-बार मां को देख रही थी और अचरज में थी. मीना (शहीद की पत्नी) कभी चिल्ला कर अपनी बेटी को गले से लगाती, तो कभी अपने दो बेटे हिमांशु और करण को. गांव में किसी को सांत्वाना देने की हिम्मत नहीं हो रही थी. सभी की आंखें नम थीं.
गांववालों को गर्व है अपने सपूत पर
तिरोजपुर के गांववालों को अब भले ही शहीद राधेश्याम अब दिखाई नहीं दें, लेकिन उन्हें गर्व है कि कर्तव्य निभाते-निभाते वे देश के लिए शहीद हो गये. दु:ख तो उन्हें है कि उनका होनहार सपूत अब इस दुनिया में नहीं है. उसने जो देश की रक्षा के लिए अपना जीवन तक न्योछावर कर दिया उन्हें इस पर गर्व है.
भरा पूरा परिवार छोड़ गये शहीद राधेश्याम
सीआरपीएफ के जवान शहीद राधेश्याम अपने चार भाइयों में मंझले थे. बड़ा भाई धनेश्वर पासवान कटिहार में बिहार पुलिस के जवान है, तो राधेश्याम का छोटा भाई मोहन पासवान छत्तीसगढ़ में ही सीआरपीएफ में है, जो ड्यूटी के वक्त छत्तीसगढ़ शहर में ही था, वहीं सबसे छोटा इंद्रजीत पढ़ाई कर फौज में ही जाना चाहता है. पिता रामेश्वर पासवान फौज से रिटायर्ड हैं, तो शहीद राधेश्याम के चाचा एलजेपी के प्रदेश के पदाधिकारी. वर्तमान में वे होमगार्ड में तैनात हैं.

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