सुशील मोदी के ज्ञान कोष में नैतिकता उपहास का विषय : नीरज

संवाददाता, पटना जदयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने भाजपा से तीसरा सवाल पूछा है. उन्होंने भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी पर आरोप लगाया है कि उनके ज्ञान कोष में नैतिकता उपहास का विषय है. उन्हें नैतिकता जैसे सवाल पर खुद की पात्रता को भी सिद्ध करना चाहिए. यह तो सच है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 4, 2014 9:02 PM

संवाददाता, पटना जदयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने भाजपा से तीसरा सवाल पूछा है. उन्होंने भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी पर आरोप लगाया है कि उनके ज्ञान कोष में नैतिकता उपहास का विषय है. उन्हें नैतिकता जैसे सवाल पर खुद की पात्रता को भी सिद्ध करना चाहिए. यह तो सच है कि काम करने के बाद भी झूठ व फरेब तंत्र के सहारे ध्रुवीकरण का जनादेश हुआ. सरकार चलाने के पर्याप्त संख्या बल रहने के बाद भी नीतीश कुमार ने पद त्याग कर मिसाल कायम किया. विकसित बिहार बनाने की कार्ययोजना को आघात लगा, इसके चलते ही नीतीश कुमार ने आहत होकर पदत्याग दिया था. नीरज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नजरिया पिछड़े राज्यों के प्रति गंभीर नहीं है. इससे बिहार विधानमंडल के प्रस्ताव कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा के सवाल पर आघात पहुंचाया जा रहा है. लोकसभा चुनाव के बाद खुद सुशील मोदी ने नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा था. नीतीश कुमार के इस्तीफा देने के बाद भाजपा नेता उपहास कर इसे अपनी कार्य प्रणाली का अंग बना लिया है. जदयू प्रवक्ता ने पूछा है कि सुशील मोदी ने अपने लिए उप मुख्यमंत्री का पद सृजन करवाया था. क्या उस समय उन्हें संवैधानिक नैतिकता का ज्ञान नहीं था. बिहार विधानसभा उपचुनाव में सुशील मोदी के नेतृत्व में भाजपा की हार हुई. उन्हें भाजपा विधानमंडल के नेता के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. साथ ही क्या नैतिकता का उपहास करने वाले शूचिता की बात कर सकते हैं?

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