तीन घंटे जाम रहा अशोक राजपथ
पटना : आरा में छात्र समागम नेताओं की पिटाई मामले में राज्य सरकार की कार्रवाई से असंतुष्ट छात्र समागम और युवा जदयू ने गुरुवार को पूरे राज्य में जोरदार प्रदर्शन किया. पटना विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार, मगध विश्वविद्यालय शाखा कार्यालय और कॉमर्स कॉलेज के पास हंगामा हुआ. छात्र समागम व युवा जदयू के आक्रोशित सदस्यों […]
पटना : आरा में छात्र समागम नेताओं की पिटाई मामले में राज्य सरकार की कार्रवाई से असंतुष्ट छात्र समागम और युवा जदयू ने गुरुवार को पूरे राज्य में जोरदार प्रदर्शन किया. पटना विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार, मगध विश्वविद्यालय शाखा कार्यालय और कॉमर्स कॉलेज के पास हंगामा हुआ.
छात्र समागम व युवा जदयू के आक्रोशित सदस्यों ने पीयू गेट के पास टायर जला कर विरोध प्रदर्शन किया एवं आरा के एएसपी का पुतला भी फूंका. इससे अशोक राजपथ करीब तीन घंटे तक जाम रहा. डीजीपी से वार्ता के बाद प्रदर्शनकारियों ने जाम हटाया.
पुलिस से हुई नोक-झोंक : प्रदर्शन के दौरान पीरबहोर पुलिस से छात्रों की नोक झोंक हुई. विरोध में छात्रों ने आक्रोश ऑटो व बस पर उतारा. थानाध्यक्ष निसार अहमद ने बताया कि छात्रों का आचरण ठीक नहीं था. इस कारण कार्रवाई करनी पड़ी.
समागम की मांग: समागम की मांगों में जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने, न्यायिक जांच के लिए टीम का गठन, नामजद पुलिस पदाधिकारियों का निलंबन व बरखास्तगी व पीड़ित छात्रों की सुरक्षा की जिम्मेवारी है.
डीजीपी से मिला प्रतिनिधिमंडल : छात्र समागम का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल डीजीपी पीके ठाुकर से गुरुवार की देर शाम मिला. डीजीपी ने कहा कि रिपोर्ट आयी है. इसका अध्ययन कर शीघ्र राज्य सरकार के पास कार्रवाई के लिए भेजा जायेगा. दोषी पुलिस पदाधिकारियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जायेगा. इसकी जांच सीआइडी से करायी जायेगी. वार्ता में एडीजी मुख्यालय गुप्तेश्वर पांडेय भी शामिल थे.
छात्रों ने दी गिरफ्तारी : इधर, कॉलेज ऑफ कॉमर्स के समीप छात्रों ने टायर जला कर विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों ने गिरफ्तारी भी दी. दर्जनों छात्र नेताओं को गिरफ्तार किया गया एवं शाम को सभी को छोड़ दिया गया.
मिली रिपोर्ट : मामले में तत्कालीन एसपी व एएसपी समेत आरा सदर के एसडीओ को भी जिम्मेवार ठहराया गया है. पटना के जोनल आइजी एके आंबेडकर ने जांच रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को सौंप दी थी, जिसे डीजीपी की अनुशंसाओं के साथ गृह विभाग को उपलब्ध कर दिया गया है.
सूत्रों के अनुसार, जांच रिपोर्ट में तत्कालीन एएसपी दीपक रंजन, तत्कालीन एसपी राजेश कुमार व आरा सदर के एसडीओ अनिल कुमार को जिम्मेवार बताया गया है. साथ ही निलंबित किये गये बड़हरा थानाध्यक्ष, धोबहा व बजराजगंज ओपी प्रभारी को भी दोषी माना गया है.