नरेंद्र मोदी का जाति प्रमाणपत्र सार्वजनिक करे भाजपा : जदयू
गुजरात में नहीं है अतिपिछड़ा संवर्ग संवाददाता, पटनाजदयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने भाजपा पर राष्ट्रवाद का पाखंड और उन्माद की राजनीति करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि भाजपा जाति-धर्म की बुनियाद पर समाज में जहर फैलाने की बाजीगरी जानती है, क्योंकि सामाजिक तनाव ही उसकी असली पूंजी है. उन्होंने […]
गुजरात में नहीं है अतिपिछड़ा संवर्ग संवाददाता, पटनाजदयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने भाजपा पर राष्ट्रवाद का पाखंड और उन्माद की राजनीति करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि भाजपा जाति-धर्म की बुनियाद पर समाज में जहर फैलाने की बाजीगरी जानती है, क्योंकि सामाजिक तनाव ही उसकी असली पूंजी है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को जातीय पहचान दी गयी. यह कलंक भाजपा के माथे पर है. भाजपा ने वर्तमान प्रधानमंत्री की अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग जाति की पहचान के अलावे अतिपिछड़ा होने की बात प्रमुखता से जनमानस में बतायी गयी. सच तो यह है कि गुजरात में अतिपिछड़ा संवर्ग ही नहीं है. ऐसे में देश के प्रधानमंत्री को अतिपिछड़ा के रूप में चिह्नित कर प्रचारित किया जाना देश की राजनीति में जातिवाद को मजबूत करना नहीं तो और क्या है? जाति एक सामाजिक सच्चाई है, लेकिन बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने कार्यकाल में सामाजिक तनाव को सामाजिक सद्भाव में बदलने का काम किया. अपने राजनीतिक कौशल से खेत-खलिहानों में सद्भावना स्थापित किया. जहानाबाद, गया, औरंगाबाद व भोजपुर के लोगों को इस बात का एहसास है कि नरसंहार के दौर से निकला हुआ बिहार कानून राज का संकल्प ले चुका है. वंचित समूहों को ताकत दिये जाने के बाद ही यह संभव हो सका है. सुशील मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने पूछा है कि झूठ व फरेब जरिये तो सत्ता प्राप्त कर ली है, लेकिन अब क्या प्रधानमंत्री के अतिपिछड़ा होने का जाति प्रमाणपत्र सार्वजनिक कर सकते हैं?