बिहार के 21770 शराबी जनवरी में जुर्माना देकर हुए मुक्त, 370 को मिली आजीवन कारावास से लेकर एक महीने तक की सजा
मद्यनिषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने बताया कि इस साल के पहले 35 दिनों में एक को आजीवन कारावास, पांच को दस साल की सजा, चार को छह वर्षों की सजा, 30 को पांच वर्षों की सजा और 63 लोगों को एक साल की सजा सुनायी गयी है.
मद्यनिषेध उत्पाद अधिनियम के तहत पकड़े जाने वाले अभियुक्तों के खिलाफ ट्रायल बढ़ने से सजा पाने वाले अभियुक्तों की संख्या काफी बढ़ी है. इस साल के पहले 35 दिनों में 370 अभियुक्तों को आजीवन कारावास से लेकर एक महीने तक की सजा मिली है. इनके अतिरिक्त पहली बार शराब पीने के आरोप में पकड़े गये 21770 लोगों को दो से पांच हजार रुपये का जुर्माना लेकर छोड़ा गया है.
पांच को 10 साल, 30 को पांच साल की सजा
मद्यनिषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने बताया कि उक्त अवधि में एक को आजीवन कारावास, पांच को दस साल की सजा, चार को छह वर्षों की सजा, 30 को पांच वर्षों की सजा और 63 लोगों को एक साल की सजा सुनायी गयी है. यह लोग शराब का व्यापार करने के आरोप में पकड़े गये थे. उन्होंने बताया कि इस दौरान 21770 लोगों को जुर्माना लेकर छोड़ा गया. दो से पांच हजार रुपये का जुर्माना नहीं देने वाले 273 लोग एक महीने के लिए जेल भेजे गये.
अब तक 1.48 लाख केस का ट्रायल शुरू
आयुक्त ने बताया कि मद्यनिषेध उत्पाद अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में अब तक 1.48 लाख केस का ट्रायल शुरू कर 1.18 लाख से अधिक केस का ट्रायल पूरा कर लिया गया है. इनमें 1.17 लाख से अधिक अभियुक्तों को सजा दी गयी. इनमे से 1.16 लाख ट्रायल एक अप्रैल 2022 से चार फरवरी 2023 की अवधि में किया गया. इस अवधि में 4782 वाहनों को जुर्माना लेकर छोड़ा गया, जिनसे कुल 28.31 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ.
पहली बार 7200 राजस्व कर्मचारी व पंचायत सचिव ने ली ट्रेनिंग
बिपार्ड के ओएसडी बी कार्तिकेय धनजी ने बताया कि राज्य में पहली बार नवनियुक्त चार हजार राजस्व कर्मचारी और 32 सौ पंचायत सचिव को ट्रेनिंग दिलायी गयी है. यह ट्रेनिंग बिपार्ड ने दी. उन्होंने बताया कि बीपीएससी के माध्यम से चुन कर आने वाले सभी पदाधिकारियों को अब बिपार्ड से चार महीने की अनिवार्य ट्रेनिंग पूरी करने के बाद ही संबंधित विभाग में योगदान करना है.