प्रतिनिधि, फुलवारीशरीफ : कन्हैया नगर निवासी एक सैनिक के पिता की तबीयत रविवार की मध्य रात अचानक खराब हो गयी. उन्हें पास के ही हारून नगर मोड़ स्थित निजी अस्पताल ले जाना मंहगा पड़ गया. अस्पताल में डाक्टर नहीं थे और एक कंपाउंडर ने महज 25 मिनट में रोगी को 22 इंजेक्शन लगा दिये, जिससे मरीज की मौत हो गयी. मौत के बाद परिजनों ने जम कर हंगामा किया. रात होने के चलते लोग किसी तरह शांत हो गये, लेकिन सुबह वहां फिर हंगामा होने लगा. लोग अस्पताल में तोड़फोड़ करने पर उतर आये. हंगामे की खबर पाकर मौके पर फुलवारीशरीफ थाना पुलिस पहुंची और कंपाउंडर को हिरासत में ले लिया.
मरीज को थी गैस की शिकायत
घटना के बारे में रोगी के पुत्र राकेश जो सैनिक हैं, उन्होंने बताया कि रविवार की देर रात मेरे पिता राम बाबू राय को पेट में काफी गैस हो गया, जिसके कारण उन्हें इलाज के लिए पास के हारून नगर सेक्टर 2 मोड पर स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया. अस्पताल में उस समय कोई डाक्टर नहीं था. एक कंपाउंडर ने उन्हें एक कमरे में ले जाकर महज 25 मिनट में ही 22 इंजेक्शन परिजनों से मंगा कर लगा दिये. अचानक से इतने इंजेक्शन लगने पर रोगी की हालत बिगड़ गयी. वह थरथराने लगे और चंद मिनट में ही दम तोड़ दिया. पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज लोगों को समझा कर मामला शांत कराया. थानाध्यक्ष सफीर आलम ने बताया कि रोगी के परिजन द्वारा आवेदन दिया गया है.
पुलिस ने कंपाउंडर को हिरासत में लिया :
वहीं स्थानीय लोगों का आरोप है कि उस अस्पताल में आये दिन मरीजों के परिजनों से अभद्र व्यवहार किया जाता है. हॉस्पिटल में मरीज के आने के तुरंत बाद हजारों रुपये जमा कर लिया जाता है. डॉक्टर को फोन कर बुलाने में काफी लेट भी होता है. कई सफेदपोश लोगों से अपने नजदीकी संबंध होने का हवाला देकर अस्पताल संचालक मरीज के परिजनों को भयभीत कर देते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है