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केंद्र ने 25 राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों को अप्रैल तक खाद्य कानून क्रियान्वित करने को कहा

खाद्य सुरक्षा25 राज्यों को केंद्र की चेतावनीनयी दिल्ली. केंद्र ने गुजरात, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश जैसे 25 राज्यों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर वे खाद्य कानून का क्रियान्वयन नहीं करते हैं, तो वह गरीबी रेखा से उपर के परिवारांे (एपीएल) के लिए सब्सिडीयुक्त खाद्यान्न की आपूर्ति पांच अप्रैल से रोक […]

खाद्य सुरक्षा25 राज्यों को केंद्र की चेतावनीनयी दिल्ली. केंद्र ने गुजरात, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश जैसे 25 राज्यों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर वे खाद्य कानून का क्रियान्वयन नहीं करते हैं, तो वह गरीबी रेखा से उपर के परिवारांे (एपीएल) के लिए सब्सिडीयुक्त खाद्यान्न की आपूर्ति पांच अप्रैल से रोक दी जायेगी. संसद में पिछले साल सितंबर में खाद्य कानून पारित हुआ. इसे अभी बिहार समेत केवल 11 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया गया है. शेष 25 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में इस योजना को अब तक लागू नहीं किया गया है.खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने यहां संवाददाताओं से कहा, हमने 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से खाद्य कानून तेजी से क्रियान्वित करने को कहा है. हमने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर वे अप्रैल समयसीमा का पालन करने में विफल रहते हैं, तो केंद्र उन्हें सब्सिडीयुक्त खाद्यान की आपूर्ति करना बंद कर देगा. इन 25 राज्यों – केंद्र शासित प्रदेशों के सचिवों के साथ समीक्षा बैठक के बाद उन्होंने कहा कि कानून क्रियान्वित नहीं करने वाले राज्यों को एपीएल परिवारों के लिए खाद्यान्न वितरण के लिए केंद्र से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पीडएस अनाज खरीदना होगा. खाद्य कानून को क्रियान्वित करने के लिए समयसीमा अगले साल चार अप्रैल तक दो बार बढ़ायी जा चुकी है. कानून के तहत देश की दो तिहाई आबादी को प्रति व्यक्ति हर महीने पांच किलो अनाज 1-3 रुपये किलो के मूल्य पर उपलब्ध कराना है. सूत्रों ने कहा कि नये कानून के तहत सब्सिडी युक्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने का प्रावधान नहीं है और इसीलिए सरकार ने यह चेतावनी जारी की है.

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