डूडा को सौंपी जा रही नगर निगम की राशि-सं

नगर निगम को भंग करने की दिशा में सरकार का एक और कदमसंवाददाता,पटनापटना नगर निगम को भंग करने की दिशा में नगर विकास विभाग ने एक और कदम आगे बढ़ा दिया है. सरकार द्वारा विकास कार्यों के लिए निगम को भेजी गयी राशि की निकासी की कार्रवाई आरंभ हो गयी है. इस राशि को निगम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2014 7:01 PM

नगर निगम को भंग करने की दिशा में सरकार का एक और कदमसंवाददाता,पटनापटना नगर निगम को भंग करने की दिशा में नगर विकास विभाग ने एक और कदम आगे बढ़ा दिया है. सरकार द्वारा विकास कार्यों के लिए निगम को भेजी गयी राशि की निकासी की कार्रवाई आरंभ हो गयी है. इस राशि को निगम से लेकर डिस्ट्रक्टि अरबन डेवलपमेंट ऑथोरिटी (डूडा) को सौंपा जा रहा है. जिलाधिकारी इस कमेटी के सदस्य होते हैं. नगर विकास मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि नगर निगम द्वारा जनहित के कार्य नहीं किये जाने के कारण सरकार ने यह निर्णय लिया है कि निगम के पास जमा राशि को डूडा को सौंप दिया जाये. निगम के पास सफाई, नाला व रोशनी सहित विकास कार्यों के कई मदों में करोड़ों रुपये वर्षों से पड़े हुए हैं. अब निगम के विकास कार्यों को डूडा अपने स्तर से कार्यान्वित करेगा. निगम के खाते में राशि पड़ी हुई है और राजधानी के 20 लाख से अधिक निवासियों को गंदगी, जलजमाव, पेयजल की कमी, मच्छर के प्रकोप आदि जूझना पड़ रहा है. जनता राहत नहीं पाकर सड़क पर उतर रही है. श्री चौधरी ने कहा कि जो लोग (वार्ड पार्षद) यह कह रहे हैं कि उनकी क्या गलती है, उन्हें यह भी बताना चाहिए कि पटना नगर निगम क्षेत्र की जनता का क्या कसूर है. नागरिक सुविधाओं को बहाल नहीं करने के लिए जनता के प्रति आखिर कौन जवाबदेह है. लोकतंत्र की हर संस्था जनता के प्रति जवाबदेह है. हद तो यह है कि पैसा रहते हुए जनता को सफाई जैसी बुनियादी सुविधा नहीं उपलब्ध करानेवाले लोगों ने करीब चार वर्षों में कौन-सा काम किया है. सरकार जनता को किसी के रहमोकरम पर तो नहीं छोड़ सकती है.

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