आबादी के हिसाब से मिले आरक्षण

– आबादी 80 फीसदी तो आरक्षण 50 फीसदी क्यों? – मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने उठाया सवाल आदापुर. मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा, आरक्षण आबादी के हिसाब से होना चाहिए. आदापुर में आंबेडकर कल्याण समिति की ओर से आयोजित अभिनंदन समारोह में बोल रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा, अनुसूचित जाति-जनजाति 17 फीसदी है. 17 फीसदी आरक्षण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2014 10:02 AM

– आबादी 80 फीसदी तो आरक्षण 50 फीसदी क्यों? – मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने उठाया सवाल आदापुर. मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा, आरक्षण आबादी के हिसाब से होना चाहिए. आदापुर में आंबेडकर कल्याण समिति की ओर से आयोजित अभिनंदन समारोह में बोल रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा, अनुसूचित जाति-जनजाति 17 फीसदी है. 17 फीसदी आरक्षण भी है, लेकिन पूरे आरक्षण के दायरे में आनेवाले लोगों की आबादी 80 फीसदी है, तो 50 फीसदी आरक्षण की सीमा क्यों? आरक्षण की सीमा बढ़ा कर 80 फीसदी करने के लिए भारत के अनुसूचित जाति-जनजाति, मॉइनोरिटी कल्याण मंत्रालय से बातचीत की जायेगी. संसद में संशोधन विधेयक लाने के लिए सभी सांसदों से बातचीत की जायेगी. हम दुसाद भाइयों के खिलाफ नहीं है. दलित महादलित एक है. दुसाध लोग का पेशा चौकीदारी है. आज के बाद चौकीदार में जो भी बहाली हो उस पर दुसाध की नियुक्ति की जायेगी, लेकिन इसमें आरक्षण बाधा है. 50 फीसदी से अधिक आरक्षण नहीं होगा. इस नियम को बदलना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा, केंद्र सरकार आरक्षण को समाप्त करना चाह रही है, लेकिन उन्होंने पता नहीं कि हम लोग चूहा पकड़ कर टांग खीचते हैं. अगर ऐसी कोशिश हुई तो टांग खीच देंगे. उन्होंने कहा, कांग्रेस के शासन में बिहार को छह लाख इंदिरा आवास मिलता था. भाजपा की सरकार बनते ही उसे घटा कर दो लाख चालीस हजार कर दिया गया.

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