पटना: पटना हाइकोर्ट ने नगर आयुक्त कुलदीप नारायण के निलंबन आदेश पर मंगलवार तक के लिए रोक लगा दी है. न्यायाधीश वीएन सिन्हा और पीके झा के खंडपीठ ने सोमवार को सुनवाई के दौरान निलंबन के लिए सरकार को कड़ी फटकार लगायी. खंडपीठ ने कहा कि सरकार का यह आदेश पूरी तरह गलत है.
कुलदीप नारायण का तबादला नहीं करने के अपने पूर्व के आदेश की चर्चा करते हुए कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी उनके निर्देशों को सही ठहराया था. लेकिन, सरकार ने निलंबन के पूर्व कोर्ट की अनुमति भी जरूरी नहीं समझी. यह बिल्कुल गलत कदम है. कोर्ट ने यह भी कहा कि उसे प्रतीत होता है कि निलंबन का आदेश बिल्डरों पर कार्रवाई की नतीजा है.
कोर्ट ने यह भी कहा कि जिन आरोपों को लेकर नगर आयुक्त को निलंबित किया गया है, उन कामों की जिम्मेवारी निगम के दूसरे वरीय अधिकारी कपिल शीर्षत अशोक और सीता चौधरी को सौंपी गयी है. कोर्ट ने मंगलवार को कुलदीप नारायण के निलंबन से संबंधित संचिका को उपलब्ध कराने को कहा है. सुनवाई के दौरान सरकारी वकील और कोर्ट के बीच कानूनी पहलुओं पर लंबी बहस चली. कोर्ट ने कहा, आठ जुलाई, 2013 को हाइकोर्ट ने नरेंद्र मिश्र की लोकहित याचिका की सुनवाई के दौरान नगर आयुक्त के तबादले पर रोक लगायी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे सही ठहराते हुए कहा था कि यदि नगर आयुक्त का तबादला करना है, तो सरकार को अलग से याचिका दायर करनी चाहिए. सुनवाई के दौरान प्रधान अपर महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा कि कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और समरेंद्र प्रताप सिंह की अदालत ने सोमवार की सुबह कहा कि लोकहित याचिका की सुनवाई कर रहे कोर्ट को निलंबन मामले पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. इस पर खंडपीठ ने कहा कि मुङो इससे मतलब नहीं. यदि ऐसी बात है, तो संबंधित कोर्ट का लिखित आदेश दिखाएं. इसके जवाब में प्रधान अपर महाधिवक्ता ने कहा कि अभी सुबह 10:30 बजे कोर्ट ने निर्देश दिया है. इसकी लिखित प्रति वह लाने में सक्षम नहीं हैं.