नॉन बैकिंग कंपनियों कार्रवाई पर होगा तेज

पटना: राज्य में नॉन बैंकिंग कंपनियों का कारोबार करनेवाली कंपनियों पर भी शिकंजा कसा जायेगा. खासकर वे कंपनियां, जो धोखाधड़ी करती है. जनता को अधिक ब्याज का लालच देकर राज्य के विभिन्न जिलों में काम करनेवाली कंपनियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई तेज की जायेगी. बिहार के जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण अधिनियम, 2002 को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:56 PM

पटना: राज्य में नॉन बैंकिंग कंपनियों का कारोबार करनेवाली कंपनियों पर भी शिकंजा कसा जायेगा. खासकर वे कंपनियां, जो धोखाधड़ी करती है. जनता को अधिक ब्याज का लालच देकर राज्य के विभिन्न जिलों में काम करनेवाली कंपनियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई तेज की जायेगी.

बिहार के जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण अधिनियम, 2002 को और अधिक प्रभावी बनाया जायेगा. इस नियम में संशोधन के लिए आवश्यक कार्रवाई का निर्देश सीएम ने निर्देश दिये हैं. बैठक के बाद वित्त सचिव रामेश्वर सिंह ने बताया कि निवेशकों से धोखाधड़ी करनेवाली नॉन बैंकिंग कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सरकार शीघ्र ही और भी निर्णय लेगी. मुख्यमंत्री अगले सप्ताह नॉन बैंकिंग कंपनियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई की समीक्षा करेंगे. इसमें आर्थिक अपराध कोषांग, रिजर्व बैंक के अधिकारी एवं इससे जुड़े अन्य विभाग को भी शामिल किया जायेगा.

क्या है नियम
बिहार जमाकर्ता हित संरक्षण अधिनियम 2002 में यह प्रावधान है कि कोई नन बैंकिंग कंपनी या चिट फंड कंपनी जनता से कपटपूर्ण ढंग से तथा ऊंचे ब्याज का प्रलोभन देकर पैसा जमा कर रही है और उसे लौटाने वह सक्षम नहीं है तो सक्षम न्यायालय के आदेश पर सरकार उसकी संपत्ति जब्त कर कुर्क कर सकती है. संपत्ति जब्त करने का अधिकार समाहर्ता में सन्निहित रहेगा.

कपट पूर्ण जमा लेने वाली कंपनी य व्यक्ति को 10 वर्ष तक की सजा या एक लाख रुपये या उससे अधिक का जुर्माना किया जा सकता है. कपट पूर्ण राशि संग्रह करने वाले कंपनियों व व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज मुकदमों की सुनवाई व उसके निष्पादन के लिए हाइ कोर्ट की सहमति से विशेष न्यायालय का गठन किया जायेगा. न्यायालय के लिए अलग से विशेष लोक अभियोजक एवं अन्य अधिवक्ता की नियुक्ति की जायेगी.

Next Article

Exit mobile version