थर्मल एनालिसिस के अधिवेशन से लौटे प्रो रणजीत वर्मा

संवाददाता, पटना आइएसएम धनबाद में चल रहे इंडियन कौंसिल ऑफ केमिस्ट्स के 33 वें वार्षिक सम्मलेन के अवसर पर आयोजित थर्मल एनालिसिस संगोष्ठी (सैटक -2014) से पटना विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो रणजीत वर्मा लौट आये हैं. प्रो वर्मा ने आज पटना लौटने पर बताया की इस कार्यक्र म का एक उद्देश्य एकेडेमिया , इंडस्ट्री, आर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2014 11:02 PM

संवाददाता, पटना आइएसएम धनबाद में चल रहे इंडियन कौंसिल ऑफ केमिस्ट्स के 33 वें वार्षिक सम्मलेन के अवसर पर आयोजित थर्मल एनालिसिस संगोष्ठी (सैटक -2014) से पटना विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो रणजीत वर्मा लौट आये हैं. प्रो वर्मा ने आज पटना लौटने पर बताया की इस कार्यक्र म का एक उद्देश्य एकेडेमिया , इंडस्ट्री, आर एंड डी तथा मैन्युफैक्चरर के बीच संवाद हेतु एक मंच प्रदान करना भी था. संगोष्ठी में रबर को रासायनिक विधियों और ताप विश्लेषण के समन्वय से ऐसे मजबूत टायर बनाने की तकनीक पर भी चर्चा हुई जिससे गाडी में वाइब्रेशन कम होते हैं और पेट्रोल की बचत होती है. कार्यक्रम में अपने अध्यक्षीय भाषण में डा वर्मा ने थर्मल एनालिसिस के उपयोगों, पटना और बोधगया के प्रयोगशालाओं में संश्लेषित फेराइट ,एल्लुमिनेट और क्र ोमाइट नैनो कणों के गुणों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा की खाना और दवा से लेकर नैनो कणों को बनाने और अंतरिक्ष विज्ञान, ऊर्जा संरक्षण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स सरीखे क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए यह विधा आज महत्वपूर्ण हो गयी है. भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के डॉ अतींद्र बनर्जी ने हाइड्रोजन उत्पादन की नयी तकनीक प्रस्तुत की. संगोष्ठी में भाभा परमाणु अनुसन्धान केंद्र से प्रकाशित शोध पत्रिका, इटास बुलेटिन के नये अंक का विमोचन भी किया गया.

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