पटना: आरा में मण्णापुरम गोल्ड फाइनांस के ब्रांच में मंगलवार को हुई भीषण डकैती का कनेक्शन आतंकी संगठनों से जुड़ता दिख रहा है. इस डकैती कांड के बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो (आइबी) और नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी (एनआइए) के कान खड़े हो गये हैं.
उत्तर प्रदेश के बिजनौर के एक निजी मकान में हुए धमाकों के बाद वहां से फरार छह आतंकियों पर इस भीषण डकैती को अंजाम देने का संदेह है. फरार आतंकियों की तलाश में आइबी और एनआइए की टीम आरा पहुंच गयी है. दोनों केंद्रीय एजेंसियों ने भोजपुर के एसपी अख्तर हुसैन से पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मांगी है. जिला
पुलिस के अलावा आइबी व एनआइए की टीम अब इस डकैती में शामिल अपराधियों की तलाश में जुट चुकी है. एनआइए और आइबी का मानना है कि यह उन्हीं छह आतंकियों की करतूत हो सकती है. आइबी ने इन आतंकियों को लेकर बिहार और झारखंड सरकारों को आगाह किया था. इससे पहले ये आतंकी भोपाल में भी मण्णापुरम गोल्ड के एक ब्रांच में ढाई करोड़ रुपये के स्वर्णाभूषण की लूट को अंजाम दे चुके हैं.
ये सभी छह आतंकी वर्ष 2011 में खंडवा की एक अदालत से एक सुरक्षाकर्मी की चाकू घोंप कर हत्या करने के बाद पुलिस हिरासत से फरार हो गये थे. इन छहों की तलाश आइबी व एनआइए को भोपाल में पीएनबी, करीमनगर में एसबीआइ के ब्रांच में हुई डकैतियों के सिलसिले में भी तलाश है. आइबी ने इन आतंकियों की पहचान प्रतिबंधित आतंकी संगठन ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट इन इंडिया’ (सिमी) के कट्टर आतंकियों मो एजाज, जाकिर, असलम, महबूब, सलिक और अमजद के रूप में की है. हालांकि, आइबी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि बिजनौर में धमाके के बाद इन छहों आतंकियों के बिहार या झारखंड में छुपे होने की सूचना से दोनों ही राज्यों की पुलिस को अवगत कराया जा चुका है.
आइबी के सूत्र बताते हैं कि बिजनौर धमाके में इनका एक साथी महबूब बुरी तरह झुलस गया था. उसे इनके साथियों ने ही वहां के एक निजी डॉक्टर की क्लिनिक में इलाज के लिए ले गये थे. उस डॉक्टर के क्लिनिक में लगे सीसीटीवी में इनके तीन साथियों की तसवीरें कैद हो गयी थीं. आइबी ने इन तीनों की तसवीरें भी रिलीज की है.
चार पुलिस हिरासत में, पूछताछ जारी
इधर मामले के खुलासे को लेकर शाहाबाद प्रक्षेत्र के डीआइजी उमा शंकर प्रसाद सुधांशु के निर्देश पर एसडीपीओ विनोद कुमार राउत के नेतृत्व में एसआइटी की टीम का गठन किया गया है. टीम चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. वहीं पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर झारखंड, उत्तरप्रदेश समेत कई राज्यों की पुलिस से मदद ले रही है. डीआइजी उमाशंकर प्रसाद सुधांशु ने बताया कि इस घटना में आतंकी संगठनों की संलिप्तता से फिलहाल इनकार नहीं किया जा सकता है. एनआइए व आइबी की टीम जांच करने आरा पहुंची थी. टीम कई बिंदुओं पर अनुसंधान कर रही है.
आरा के नवादा थाना क्षेत्र स्थित मण्णापुरम गोल्ड फाइनांस के ब्रांच में गत मंगलवार को हुई डकैती में 15 किलो स्वर्णाभूषण और ढाई लाख नकद लूट लिया गया था. डकैती को अंजाम देनेवाले इतने शातिर थे कि उन्होंने कंपनी के ब्रांच में लगे सीसीटीवी कैमरों के हार्ड डिस्क को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया, ताकि उनकी तसवीरें न आ सकें. खुफिया एजेंसियों के सूत्र बताते हैं कि इस डकैती का पूरा तरीका भोपाल में मण्णापुरम गोल्ड के ब्रांच में हुई डकैती के तरीके से बिल्कुल मेल खाती है. वहां भी बिना किसी खून-खराबे के करीब ढाई करोड़ रुपये के गहने लूट लिये गये थे. दोनों जगह ये डकैत ग्राहक के रूप में घुसे थे.
भोपाल-आरा की डकैतियों में समानताएं, सीसीटीवी के कैमरे में आये छह डकैत
आरा लूट कांड में आइटी ने सीसीटीवी कैमरे के फुटेज भोजपुर पुलिस को सौंप दी गयी है. फुटेज से यह स्पष्ट हो गया है कि घटना में शामिल डकैतों की संख्या छह ही थी. डकैती के दौरान अपराधियों ने एक कंप्यूटर में सीसीटीवी कमरे के हार्ड डिस्क को क्षतिग्रस्त कर दिया था, लेकिन एक अन्य कंप्यूटर में इसका हार्ड डिस्क सुरक्षित था.