जलवायु परिवर्तन से प्रभाव का अध्ययन जरूरी : सीएस

पटना: बिहार में जलवायु परिवर्तन से खेती पर असर के मामले में व्यापक अध्ययन जरूरी है. जलवायु परिवर्तन पर अध्ययन से बिहार में बाढ़-सुखाड़ की संभावनाओं का पूर्वानुमान लगाने में भी सफलता मिलेगी. यह अध्ययन बाढ़-सुखाड़ से अभिशप्त रहने वाले बिहार के लिए लाभप्रद रहेगा. उक्त बातें शुक्रवार को मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2014 1:00 AM

पटना: बिहार में जलवायु परिवर्तन से खेती पर असर के मामले में व्यापक अध्ययन जरूरी है. जलवायु परिवर्तन पर अध्ययन से बिहार में बाढ़-सुखाड़ की संभावनाओं का पूर्वानुमान लगाने में भी सफलता मिलेगी. यह अध्ययन बाढ़-सुखाड़ से अभिशप्त रहने वाले बिहार के लिए लाभप्रद रहेगा. उक्त बातें शुक्रवार को मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कहीं.

वह वन व पर्यावरण विभाग द्वारा जलवायु परिवर्तन पर होटल चाणक्या में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सिर्फ कार्यशाला में ही नहीं, बल्कि

जलवायु परिवर्तन पर फिल्ड में जा कर किसानों और मछुआरों से भी विमर्श करना होगा. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर अध्ययन रिपोर्ट ऐसी तैयार हो, जो आम लोगों को भी आसानी से समझ में आ जाये. प्रधान सचिव विवेक सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर माइक्रो लेवल पर विमर्श होना चाहिए. विभाग जलवायु परिवर्तन पर कार्य योजना बनायेगा. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन एक व्यापक समस्या है.

इससे बिहार की नहीं,बल्कि पूरी दुनिया प्रभावित है. सबसे अधिक बिहार में इसका असर कृषि कार्य पर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रलय ने इसके लिए कई सुझाव भेजे हैं. उन्हीं सुझावों की कड़ी में कार्यशाला आयोजित की गयी है. जलवायु परिवर्तन की कार्यशाला रिपोर्ट को सात जनवरी,2015 को राज्य संचालन समिति के समक्ष पेश किया जायेगा. कार्यशाला में यूएनडीपी के सबा आलम, बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के डॉ प्रधान पार्थ सारथी,अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक डीके शुक्ल और निदेशक परिस्थितिकी भरत ज्योति समेत कई लोगों ने जलवायु परिवर्तन पर अध्ययन की जरूरत पर प्रकाश डाला.

Next Article

Exit mobile version