कसा शिकंजा: पुलिस को चकमा देने में माहिर थे बाइक लुटेरे, तीन बाइक लुटेरे गिरफ्तार
पटना: शहर के सुनसान स्थलों पर देर रात बाइक व कैश लूट की कई घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस के लिए परेशानी का सबब बने तीन शातिर लुटेरों को पटना पुलिस ने आलमगंज थाना क्षेत्र के गुलजार बाग रेलवे स्टेशन के समीप पकड़ लिया. तीनों वहां लूट की योजना बनाने के लिए दो महंगी बाइकों […]
पटना: शहर के सुनसान स्थलों पर देर रात बाइक व कैश लूट की कई घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस के लिए परेशानी का सबब बने तीन शातिर लुटेरों को पटना पुलिस ने आलमगंज थाना क्षेत्र के गुलजार बाग रेलवे स्टेशन के समीप पकड़ लिया.
तीनों वहां लूट की योजना बनाने के लिए दो महंगी बाइकों पर सवार होकर आये थे. इन लोगों की निशानदेही पर छह अन्य बाइकें, दो पिस्टल, दो कारतूस, 50 हजार नकद, दो लैपटॉप, एक टैब, 16 मोबाइल फोन, सोने की चार अंगूठी, विभिन्न कंपनियों के 33 सिम कार्ड, दो कैमरे आदि बरामद किये गये हैं. पकड़े गये लुटेरों में सोनू कुमार (भद्र घाट, आलमगंज), विवेक कुमार (गायघाट, इमामबाड़ा) व बिट्टु कुमार (नेहरू चक, आलमगंज) शामिल हैं. इन अपराधियों ने अब तक रामकृष्णा नगर, जक्कनपुर, अगमकुआं, कंकड़बाग व पत्रकार नगर के इलाकों से 10 से अधिक लूट की घटनाओं को अंजाम दिया है.
जानकारी के अनुसार गुप्त सूचना के आधार पर सिटी एसपी शिवदीप वामन लांडे के नेतृत्व में सदर डीएसपी रमाकांत प्रसाद, पटना सिटी डीएसपी राजेश कुमार, कंकड़बाग थानाध्यक्ष अतनु दत्ता, जक्कनपुर थानाध्यक्ष अजरुन लाल, अगमकुआं थानाध्यक्ष विनय कुमार शर्मा, रामकृष्णा नगर थानाध्यक्ष जितेंद्र कुमार सिंह व आलमगंज थानाध्यक्ष अकील अहमद ने छापेमारी कर तीनों को पकड़ने में सफलता पायी. इस संबंध में एसएसपी जितेंद्र राणा ने बताया कि गिरोह में आधा दर्जन से अधिक अपराधी शामिल हैं. उन सभी के नामों की जानकारी पुलिस को हो चुकी है और लुटेरों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
दिन में रहते छात्र बन कर, रात में लुटेरे
पकड़ा गया गिरोह का सरगना सोनू कुमार कंप्यूटर साइंस का डिप्लोमा धारक है. उसने बोरिंग रोड के निजी संस्थान से उक्त कोर्स किया था, जबकि विवेक व बिट्टु ने पिछले साल मैट्रिक की परीक्षा दी थी, लेकिन इंटर में एडमिशन नहीं लिया था. ये लुटेरे अपने परिवार व मुहल्ले वालों के लिए छात्र के हुलिये में थे. लेकिन देर रात होते ही ये सभी अपने-अपने घरों से निकल जाते और लूट की घटना को अंजाम देने के बाद लूटी गयी बाइक को लावारिस स्थान पर लगा देते थे. लूटी गयी बाइक को ये लोग उत्तर बिहार में बिक्री करते थे. खास बात यह है कि यह गिरोह महंगी बाइक पल्सर, अपाचे आदि को ही निशाना बनाते थे, क्योंकि इन बाइकों की बिक्री आसानी से हो जाती थी और कीमत भी अच्छी-खासी मिल जाती थी.
बाइक के बदल दिये थे नंबर
इन लोगों के पास से जो भी बाइक बरामद की गयी हैं, उनका नंबर बदल दिया गया था. एक ही नंबर प्लेट को पल्सर व अपाचे में भी लगा रखा था. यही नहीं, पकड़े गये तीनों लुटेरे बाइक चलाने में माहिर हैं और ये हमेशा हेलमेट पहन कर निकलते थे. कहीं चेकिंग हो रही होती, तो वे पुलिस की आंखों के सामने ही निकल भागते थे.