कागजों पर ही हो रहा टीकाकरण
बागियों के अधिवक्ता ने स्पीकर कोर्ट को लिखित जवाब सौंपा पटना : जदयू के चार बागी विधायकों की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने के मामले पर 26-27 दिसंबर को फैसला आ सकता है. शनिवार को बागियों के अधिवक्ता शशिभूषण कुमार मंगलम की ओर से बिहार विधानसभा कोर्ट को लिखित जवाब दे दिया गया. स्पीकर कोर्ट […]
बागियों के अधिवक्ता ने स्पीकर कोर्ट को लिखित जवाब सौंपा
पटना : जदयू के चार बागी विधायकों की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने के मामले पर 26-27 दिसंबर को फैसला आ सकता है. शनिवार को बागियों के अधिवक्ता शशिभूषण कुमार मंगलम की ओर से बिहार विधानसभा कोर्ट को लिखित जवाब दे दिया गया. स्पीकर कोर्ट ने 18 दिसंबर को इस मामले पर सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था.
अब शीतकालीन सत्र के बाद फैसला सुनाया जायेगा. चारों विधायकों पर राज्यसभा उपचुनाव में पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ उम्मीदवार उतारने, उनका प्रस्तावक बनने, उन्हें वोट देने और दूसरे विधायकों को वोट देने के लिए कंविंस करने के साथ स्वत: दल का परित्याग करने का आरोप है. इन्हीं आरोपों पर चार अन्य बागी विधायकों ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, नीरज कुमार सिंह, राहुल शर्मा और रवींद्र राय की सदस्यता एक नवंबर को खत्म की जा चुकी है. यह मामला फिलहाल हाइकोर्ट में है, जहां सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया है.
राजीव रंजन की भी जायेगी सदस्यता : श्रवण
बिहारशरीफ : संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने यहां कहा कि इस्लामपुर के विधायक राजीव रंजन समेत पार्टी के चार अन्य बागी विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की अनुशंसा विधानसभा अध्यक्ष से की जायेगी. उन्होंने कहा कि विधायक राजीव रंजन नालंदा जिले के एनडीए के संयोजक बनाये गये हैं. यह स्वत: दल का परित्याग का मामला बनता है.
उनके खिलाफ भी वही मामला बनता है, जिसके आधार पर जदयू के चार बागियों की बरखास्तगी की जा चुकी है, जबकि चार बागी के मामले में स्पीकर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है. संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि जदयू के अन्य कई विधायक हैं, जो दल विरोधी काम में लिप्त हैं. उनके खिलाफ भी बिहार विधानसभा अध्यक्ष को जल्द पत्र लिखा जायेगा.