पटना : पूर्णिया में ड्यूटी के दौरान एमवीआइ सुशील कुमार पांडेय की ट्रक से कुचल दिये जाने की घटना पहली नहीं है. इससे पहले भी गया में डीटीओ पद पर रहते राम दयाल राम को ट्रक से कुचल दिया गया था. वाहन जांच में लगे अधिकारियों की गाड़ी में ठोकर मार कर भागने या फिर घायल करने की कई घटनाएं हो चुकी हैं. राज्य में मालवाहक वाहन के ओवरलोड परिचालन में माफियाओं की काफी सक्रियता है. ओवरलोड वाहनों को पास कराने में सालाना 150 से 200 करोड़ का अवैध कारोबार होता है.
ढोया जाता है दोगुना माल
वाहनों में बालू, गिट्टी, मार्बल आदि को निर्धारित क्षमता से दोगुना ढोया जाता है. इस धंधे में ट्रांसपोर्टर माफियाओं को जिम्मेवारी सौंप कर निश्चित हो जाते हैं. इसके लिए ट्रांसपोर्टर मुनाफे का कुछ हिस्सा माफियाओं पर खर्च करता है. सूत्रों की मानें तो माफियाओं को पदाधिकारियों का हर मूवमेंट का पता रहता है. अधिकारियों के घर व ऑफिस से ही रेकी शुरू हो जाती है. अधिकारियों की तैनाती होने पर वाहन चालकों को मोबाइल से सूचना दे दी जाती है. इसके बाद चालक किनारे वाहन खड़ा कर अधिकारियों के लौटने का इंतजार करते हैं. मामला पेचीदा रहा तो माफिया खुद वाहन पास कराने के लिए साथ चलते हैं. दुर्भाग्यवश अधिकारी टकरा गये, तो कुचलने से भी गुरेज नहीं करते हैं.