बार-बार बना प्लान नहीं हुआ समाधान

मुजफ्फरपुर : शहर के विकास व जन समस्याओं के समाधान के लिए बार–बार प्लान बनते हैं. विगत पांच वर्षो में आधा दर्जन से अधिक बार ट्रैफिक, अतिक्रमण व जाम की समस्या के स्थायी निदान के लिए योजनाएं बनायी गयीं. इनमें से कुछ पर मुहर लगी, लेकिन काम ही शुरू नहीं हुआ. वहीं, कुछ योजनाओं ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2013 4:50 AM

मुजफ्फरपुर : शहर के विकास जन समस्याओं के समाधान के लिए बारबार प्लान बनते हैं. विगत पांच वर्षो में आधा दर्जन से अधिक बार ट्रैफिक, अतिक्रमण जाम की समस्या के स्थायी निदान के लिए योजनाएं बनायी गयीं. इनमें से कुछ पर मुहर लगी, लेकिन काम ही शुरू नहीं हुआ.

वहीं, कुछ योजनाओं ने स्वीकृति के इंतजार में ही दम तोड़ दिया. आलम यह रहा कि शहर के विकास का पहिया योजनाओं के जाल में जकड़ कर ही रह गया. दूसरी ओर आबादी बढ़ने के साथ समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं.

जाम शहरवासियों के रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गया है. बहरहाल, अब एक बार फिर जिला प्रशासन को इन योजनाओं को फिर से लागू करने की जरूरत महसूस होने लगी है. जाम अतिक्रमण से ऊब चुके लोग सवाल उठा रहे हैं कि प्लान धरातल पर उतर पायेंगे या सिर्फ प्लान बनाने का सिलसिला ही चलता रहेगा.

फिलहाल एक बार फिर ट्रैफिक जाम की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए डीएम की अध्यक्षता में बैठक होने वाली है. इसमें शहर के बुद्धिजीवियों अन्य गणमान्य लोगों से सुझाव लेने के बाद नये सिरे से जाम अतिक्रमण के समस्या के निदान के लिए योजना बनेगी.

2010 में लागू हुई नयी ट्रैफिक व्यवस्था

काफी मशक्कत के बाद फिर 26 दिसंबर 2010 में तत्कालीन डीएम आनंद किशोर एसएसपी सुनील कुमार शहर में नयी ट्रैफिक व्यवस्था लागू की. इसके तहत शहर के प्रमुख सात स्थानों पर नो पार्किग जोन बनाया गया. कई मुख्य मार्ग को वन वे कर दिया गया. अतिक्रमण हटाने ट्रैफिक दुरुस्त करने के लिए धावा दल का गठन किया गया.

नो पार्किग जोन में वाहन लगाने वालों पर जुर्माना लगाने का आदेश दिया गया था. यह प्रयास कुछ हद तक सफल भी रहा. सड़कों पर फर्राटे गाड़ियां दौड़ती रही. कंपनीबाग से सरैयागंज टावर पंकज मार्केट एवं सुतापट्टी मोड़ तक बनाये गये सड़क के डिवाइडर से वाहन का आवागमन सुचारु तरीके से हो रही थी. लेकिन प्रशासन का ध्यान हटते ही स्थिति जस की तस हो गयी.

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