बिहार ने चावल उठाव का आंकड़ा नहींं भेजा,सं

संवाददाता,पटनाराज्य सरकार ने अप्रैल से जून 2014 तक गोदाम से चावल उठाव की जानकारी केंद्रीय खाद्य निगम को नहीं दी है. राज्य सरकार ने अब तक 1158.18 करोड़ रुपये की मांग की है जबकि वास्तविकता है कि जुलाई से सितंबर 2014 तक का बिल नवंबर में भेजा है. तीन महीने में ही बिल भेजना चाहिए. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2014 9:04 PM

संवाददाता,पटनाराज्य सरकार ने अप्रैल से जून 2014 तक गोदाम से चावल उठाव की जानकारी केंद्रीय खाद्य निगम को नहीं दी है. राज्य सरकार ने अब तक 1158.18 करोड़ रुपये की मांग की है जबकि वास्तविकता है कि जुलाई से सितंबर 2014 तक का बिल नवंबर में भेजा है. तीन महीने में ही बिल भेजना चाहिए. जनवरी से जून 2014 तक का बिल 437.21 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिया गया है. इसे जनवरी 2015 के पहले सप्ताह में जारी कर दिया जायेगा. द्वितीय तिमाही के भेजे गये बिल में इसका प्रोग्रेसिव आंकड़ा होना चाहिए था,जो नहीं है. इस दौरान भेजे गये 720.97 करोड़ के बिल में त्रुटि होने से इसका भुगतान नहीं हो सकता है. केंद्रीय खाद्य निगम के अनुसार सूबे में अब तक सिर्फ 750 टन धान की ही खरीद हुई है. केंद्र सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया है. इसके तहत ग्रेड ‘ए’ के लिए 1400 रुपये और सामान्य धान के लिए 1360 रुपये है. सितंबर में आयोजित बैठक में राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सचिव बी.प्रधान की सहमति से सूबे में धान खरीद की तारीख तय की गयी थी. राज्य से धान की खरीद के लिए 31 जनवरी, 2015 तक का समय निर्धारित किया गया है. निगम ने पूछा है कि बिहार सरकार स्पष्ट बताये कि उन्हें कितना समय चाहिए.

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