मोकामा: कोचिंग संचालक के भाई अमरेश कुमार की हत्या के बाद रामपुर डुमरा गांव के ग्रामीणों ने अपराधियों के खिलाफ एकजुटता दिखायी है. गुरुवार को गांव के लोगों ने बैठक कर हत्याकांड के तीनों आरोपितों को परिजनों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि दो दिनों के अंदर अपराधी आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, तो उनका सामाजिक बहिष्कार किया जायेगा.
खास बात यह कि पूरे गांव में डुगडुगी बजा कर लोगों से बैठक में शामिल होने की अपील की गयी. बैठक में एक हजार से अधिक लोग मौजूद थे और इसकी अध्यक्षता गांव के बुजुर्ग कामना सिंह ने की. अपराध के खिलाफ गोलबंद गांव के लोगों ने 20 सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया है.
अपराधियों के सामाजिक बहिष्कार की अपील : बैठक में मौजूद लोगों ने अपराधियों के हरकत की निंदा की. लोगों से अपराधियों के सामाजिक बहिष्कार की अपील की. कई लोगों ने उस बात पर जोर दिया कि यदि अपराधियों के परिवारवाले उन्हें संरक्षण देते हैं, तो उनका भी बहिष्कार किया जाये. चार घंटे तक ग्रामीणों की मैराथन बैठक के बाद 20 सदस्यीय कमेटी बनायी गयी . कमेटी को गांव के हालात पर नजर रखने तथा असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिकृत कया गया. बैठक का संचालन विपिन कुमार ने किया.
बैठक समाप्त होने पर सारे लोग अमरेश हत्याकांड के नामजद आरोपितों के घरों पर गये तथा तीनों आरोपितों के परिजनों को ग्रामीणों की भावनाओं से अवगत कराया. ग्रामीणों ने हत्याकांड के तीनों आरोपितों को परिजनों को दो दिनों का समय दिया और कहा कि यदि दो दिनों के अंदर अपराधी आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, तो उनका सामाजिक बहिष्कार किया जायेगा. आरोपितों के परिजनों को इस बात की भी चेतावनी दी गयी कि यदि ऐसा लगेगा कि अपराधियों को उनके परिवारवालों द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है, तो गांव में हुक्का-पानी बंद करने पर भी विचार किया जायेगा.
बैठक में मौजूद लोगों ने एक स्वर से कहा कि गांव का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है . गांव के कई लड़के खुलेआम हथियार लेकर घूम रहे हैं. कुछ लोगों ने इस बात की शिकायत की कि गांव में मनचलों की हरकतें बढ़ रही हैं. ग्रामीणों द्वारा बनायी गयी कमेटी को लगातार गांव के लड़कों पर नजर रखने को कहा गया.
जिला पार्षद मुकेश कुमार और विपिन सिंह ने कहा कि अन्याय के खिलाफ लड़ कर अमरेश शहीद हो गया और . उसकी शहादत को तभी सच्ची श्रद्धांजलि होगी, जब पूरा गांव एकजुट होकर अपराधियों का विरोध करे. बैठक में सूर्य नारायण सिंह, बबलू सिंह, राम भजन सिंह, कार्यानंद सिंह, श्रीराम सिंह, अरविंद सिंह, सुरेंद्र सिंह, पप्पू सिंह, राजीव कुमार, भवेश सिंह आदि मौजूद थे.