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पासपोर्ट बनाने को घूस नहीं दी, तो महिला इंजीनियर को लिख दिया अपराधी

रक्सौल : पुलिस ने एक महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर को अपनी रिपोर्ट में क्रिमिनल बना दिया. पीड़िता बेंगलुरु स्थित एक जापानी कंपनी फिजत्सु में कार्यरत है.उस पर आज तक कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है. शहर के पर्यावरणविद प्रो अनिल सिन्हा की पुत्री पल्लवी पुष्पम ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था. पासपोर्ट ऑफिस, पटना ने […]

रक्सौल : पुलिस ने एक महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर को अपनी रिपोर्ट में क्रिमिनल बना दिया. पीड़िता बेंगलुरु स्थित एक जापानी कंपनी फिजत्सु में कार्यरत है.उस पर आज तक कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है. शहर के पर्यावरणविद प्रो अनिल सिन्हा की पुत्री पल्लवी पुष्पम ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था. पासपोर्ट ऑफिस, पटना ने रक्सौल थाने को जांच के लिए भेजा था. लेकिन, जांच में पुलिस ने हद पार कर दी. पासपोर्ट ऑफिस ने पल्लवी पुष्पम के घर 27 दिसंबर को पत्र भेजा है.

पत्र में लिखा है कि रक्सौल पुलिस ने जांच में एडवर्स रिपोर्ट दी है. इसमें लिखा है कि आप पर कई आपराधिक मामले चल रहे हैं. आपने आवेदन में तथ्य को छिपाया है. 30 दिनों में संतोषजनक जवाब दीजिए, अन्यथा आप पूरे भारत में कहीं से भी पासपोर्ट नहीं बनवा सकती हैं. पत्र के साथ रक्सौल पुलिस की रिपोर्ट लगी है, जिसमें लिखा है कि आवेदिका पांच साल के अंदर दो वर्ष से अधिक समय जेल में रह चुकी है. उसे कोर्ट से विदेश जाने पर रोक लगायी गयी है. आवेदिका के विरुद्ध वर्तमान में गिरफ्तारी वारंट जारी है. यह सब कुछ रक्सौल थाने के दारोगा बेचू राम ने 16 नवंबर, 2014 को पासपोर्ट ऑफिस को भेजी अपनी रिपोर्ट में लिखा है. पल्लवी पुष्पम ने 2006 में मैट्रिक पास किया.

पढ़ाई के लिए दिल्ली चली गयी. दिल्ली स्थित डीएवी स्कूल से इंटर पास की. इंद्रप्रस्थ कॉलेज, दिल्ली से बीटेक किया. बीटेक के बाद वह जापानी कंपनी फिजत्सु कंपनी में इंजीनियर हैं. पल्लवी ने जब नौकरी शुरू की, तो पहले माह का वेतन रक्सौल कुष्ठ आश्रम के रोगियों की सेवा वाली संस्था को दिया था.

दारोगा ने फोन कर पैसा मांगा

पल्लवी पुष्पम ने बताया कि दारोगा मुङो फोन कर पैसा मांगता था. इसके बाद मैंने यह बात अपने घरवालों को बतायी. डॉ अनिल सिन्हा ने बताया कि मैं दारोगा से मिला था. उसने कहा कि जांच रिपोर्ट भेज दी गयी है. जांच में उसने लिखा है कि आवेदक का फोटो और पल्लवी का फोटो मैच नहीं कर रहा है. उसमें लिखा गया है कि आवेदिका कभी भी रक्सौल में नहीं रही है. आखिकार जब वह पल्लवी से मिले ही नहीं, तो फिर कैसे लिखा कि फोटो मैच नहीं कर रहा है. इस तरह की रिपोर्ट करनेवाले अधिकारी पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. आखिर पैसे के लिए किसी बच्चे का कैरियर खराब करना कहां तक ठीक है. जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर बेचू राम से जब इस संबंध में पूछा गया कि पल्ल्वी पुष्पम पर किसी तरह का मामला थाना में दर्ज है, तो उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट में जो भी रिपोर्ट गलती गयी है, वह मानवीय भूल है.

यदि आवेदिका आवेदन के बाद कहीं और रहती है, तो संबंधित थाने में जांच के लिए भेजा जाता है. यदि अधिकारी ने गलत रिपोर्ट की है, तो उस पर कार्रवाई होगी.

सुनील कुमार, एसपी, पूर्वी चंपारण (मोतिहारी)

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