पशु नस्लों पर मंडरा रहा खतरा

पटना: राज्य में गाय,भैंस,भेड़ और बैल की कई देसी नस्लें हैं. बिहार में तैयार इन पशुओं की नस्लों के विलुप्त होने का खतरा है. वजह राज्य में मौजूद सभी पशु फार्म की स्थिति बेहद खराब होना है. इन फार्म का न तो ठीक से रखरखाव हो रहा है और न ही इनमें पशुओं की नस्लों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2014 6:01 AM

पटना: राज्य में गाय,भैंस,भेड़ और बैल की कई देसी नस्लें हैं. बिहार में तैयार इन पशुओं की नस्लों के विलुप्त होने का खतरा है. वजह राज्य में मौजूद सभी पशु फार्म की स्थिति बेहद खराब होना है. इन फार्म का न तो ठीक से रखरखाव हो रहा है और न ही इनमें पशुओं की नस्लों का उत्पादन हो रहा है.

फार्म की बदहाली के कारण इनमें पशु नहीं के बराबर हैं. प्रमुख नस्लों के उत्पादन और संरक्षण की बात सोचना बेकार है. पॉल्ट्री फार्म की स्थिति खराब होने के कारण देसी मुरगा की बेहतरीन नस्ल विलुप्त होने के कगार पर है. निजी स्तर पर जितने पॉल्ट्री फार्म हैं वे हाइब्रिड या बॉयलर वाले हैं.

प्रमुख नस्ल जिन पर है खतरा

भेड़ की शाहाबादी नस्ल,भैंस की दियारा,गाय की रेड पूर्णिया और बैल का बछौर नस्ल सबसे प्रमुख है. बछौर नस्ल देश की सबसे बेहतरीन नस्लों में है. सीतामढ़ी इलाके में खेती के काम के लिए यह काफी महत्वपूर्ण माना जाता था. इनके अलावा गाय और बैल की कई तरह के स्थानीय नस्ल भी है.

इन फार्मो की स्थिति खराब

सिपाया (गोपालगंज),पटना, डुमरांव (बक्सर),पूर्णिया और बेला (गया) में मौजूद बड़े सरकारी पशु फार्म. इसके अलावा भागलपुर, बेला (मुजफ्फरपुर),नालंदा,नवादा, कटिहार और किशनगंज में मौजूद पॉल्ट्री फार्म की स्थिति खराब है. पटना समेत अधिकतर स्थानों पर फार्म की सरकारी जमीन का अतिक्रमण हो गया है. बड़े हिस्से पर अवैध कब्जा है, जिसे हटाने की जहमत प्रशासन नहीं उठाता है. चारा के लिए किसी फार्म में कोई प्रबंध नहीं है.

क्या हैं कमियां

किसी फार्म में पशु चिकित्सक खासकर ब्रिड विशेषज्ञ नहीं हैं. लंबे समय से पद रिक्त हैं. फार्म के लिए किसी तरह का वित्तीय प्रबंधन नहीं है. विकास के लिए फंड की व्यवस्था नहीं है. बिहार लाइवलिहुड डेवलपमेंट एजेंसी (बीएलडीए) के पास इनके संचालन का पूरी तरह से अधिकार नहीं है, जबकि पशुपालन विभाग के बायलॉज में बीएलडीए को फार्म के संचालन का अधिकार देना है. बीएलडीए के तहत फार्म का संचालन होने से विशेषज्ञों की टीम और पशु प्रजनन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण सुविधाएं इन्हें सीधे प्राप्त होंगी.

शीघ्र ही इस मामले पर सभी विभागीय अधिकारियों की बैठक बुला कर मामले की समीक्षा की जायेगी. किसी भी पशु नस्ल को विलुप्त नहीं होने दिया जायेगा. तमाम पशुओं के प्रजनन और स्वास्थ्य से संबंधित ठोस कार्ययोजना शीघ्र तैयार होगी. बैद्यनाथ सहनी, पशुपालन मंत्री

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