नगर निगम के दो साल के खर्च का होगा ऑडिट

राशि आवंटन के बाद भी परिणाम नहीं आने पर नगर विकास विभाग सख्त पटना : वित्तीय वर्ष 2012-13 और 2013-14 में राज्य सरकार से नाला व सड़क निर्माण, लाइटिंग व्यवस्था और स्लम बस्ती में मौलिक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए करोड़ रुपये मिला, लेकिन राशि का उपयोग समय पर नहीं हुआ. खामियाजा निगम क्षेत्र में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2014 5:53 AM
राशि आवंटन के बाद भी परिणाम नहीं आने पर नगर विकास विभाग सख्त
पटना : वित्तीय वर्ष 2012-13 और 2013-14 में राज्य सरकार से नाला व सड़क निर्माण, लाइटिंग व्यवस्था और स्लम बस्ती में मौलिक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए करोड़ रुपये मिला, लेकिन राशि का उपयोग समय पर नहीं हुआ. खामियाजा निगम क्षेत्र में रहनेवाले लोगों को जलजमाव और डेंगू के रूप में भुगतना पड़ा. निगम प्रशासन का दावा है कि जितनी राशि अंचलों को दी गयी,उतनी राशि पूर्व में कभी नहीं दी गयी.
हकीकत को लेकर नगर विकास व आवास विभाग के सचिव ने निर्देश दिया है कि एजी से दो वित्तीय वर्ष की ऑडिट कराएं. नगर निगम के अपर नगर आयुक्त (राजस्व)ने नगर वित्त एवं लेखा नियंत्रक को पिछले दो वित्तीय वर्ष की ऑडिट कराने का निर्देश दिया है. अपर नगर आयुक्त (राजस्व)ने कहा है कि स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना का अंकेक्षण नहीं होने पर सचिव ने नाराजगी जतायी. इसको लेकर शीघ्र अंकेक्षण मुख्यालय में प्रतिनियुक्त सीए से तत्काल ऑडिट कराना है ताकि उपयोगिता प्रमाणपत्र विभाग को उपलब्ध हो सके.
दिसंबर 2013 से जनवरी 2014 में निगम की हर शाखा की ऑडिट की गयी. ऑडिट रिपोर्ट में भी राज्य सरकार से मिली राशि को समय पर खर्च नहीं करने पर आपत्ति जतायी गयी है. ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया था कि वार्ड में लाइट को लेकर राशि आवंटित की गयी,लेकिन बल्ब कहां लगा. इसकी जानकारी किसी को नहीं है. साथ ही नाला व पीसीसी सड़क निर्माण,स्लम बस्ती के लिए अनुदान व ठोस कचरा प्रबंधन की राशि राशि खर्च नहीं हो सकी. इस पर जवाब मांगा गया था. कुछ मामलों में ही निगम प्रशासन ने जवाब दिया.

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