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चिंकी कहेंगे, तो जायेंगे पांच साल के लिए जेल

एजेंसी, नयी दिल्ली उत्तर-पूर्व राज्यों के लोगों को चिंकी कहनेवालों को पांच साल तक जेल की हवा खानी पड़ सकती है. इसके अलावा जुर्माना भी देना पड़ेगा. सबसे अहम बात कि यह गैर जमानती क्र ाइम भी माना जायेगा. एमके बेजबरु आ पैनल ने गृह मंत्रालय को जो सिफारिश भेजी है, उसके मुताबिक आइपीसी में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2015 12:04 AM

एजेंसी, नयी दिल्ली उत्तर-पूर्व राज्यों के लोगों को चिंकी कहनेवालों को पांच साल तक जेल की हवा खानी पड़ सकती है. इसके अलावा जुर्माना भी देना पड़ेगा. सबसे अहम बात कि यह गैर जमानती क्र ाइम भी माना जायेगा. एमके बेजबरु आ पैनल ने गृह मंत्रालय को जो सिफारिश भेजी है, उसके मुताबिक आइपीसी में बदलाव लाकर नस्लीय भेदभाव के खिलाफ कड़े कानून बनाने की वकालत की गयी है. अगर गृह मंत्रालय इन सिफारिशों को मान ले, तो चिंकी कहनेवालों की खैर नहीं. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्र वार को बताया कि केंद्र सरकार आइपीसी में दो नये सेक्शन (सेक्शन 153 सी और सेक्शन 509 ए) शामिल करने पर विचार कर रही है. सेक्शन 153 सी के तहत लिखित या बोले गये शब्दों से किसी इंसान पर नस्लीय टिप्पणी करना गैर जमानती जुर्म होगा और इसमें 5 साल की कैद के साथ -जुर्माना भी लगेगा. सेक्शन 509 ए के तहत किसी शब्द के इशारों में बोलने, मुंह बनाने, चिढ़ाने या सिर्फ इशारे करके नस्लीय टिप्पणी करना भी आपको तीन साल तक जेल भेजने के लिए काफी है. इस सेक्शन के तहत आपको सजा के साथ-साथ जुर्माना भी देना होगा. फरवरी 2014 में गठित बेजबरु आ पैनल की सिफारिशों पर अभी केंद्र सरकार को फैसला लेना बाकी है. बेजबरु आ पैनल ने चिंकी के अलावा चाइनीज, चीचीचूचू व मोमोज आदि को भी पूवार्ेत्तर के लोगों के लिए नस्लीय टिप्पणी के तौर पर इस्तेमाल किये जाने वाले शब्दों में शामिल किया है.

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