शहर की सुरक्षा पर ‘उधार’ का ग्रहण

चयनित एजेंसी पर डेढ़ करोड़ बकाया रविशंकर उपाध्याय पटना : राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के पुलिस के सपनों पर ‘उधार’ का ग्रहण लग गया है. पटना पुलिस राजधानी के 20 हेवी ट्रैफिक जोन के इलाकों में ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन यानी एएनपीआर कैमरा लगाना चाहती है, ताकि विधि-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण और यातायात […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2015 8:21 AM
चयनित एजेंसी पर डेढ़ करोड़ बकाया
रविशंकर उपाध्याय
पटना : राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के पुलिस के सपनों पर ‘उधार’ का ग्रहण लग गया है. पटना पुलिस राजधानी के 20 हेवी ट्रैफिक जोन के इलाकों में ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन यानी एएनपीआर कैमरा लगाना चाहती है, ताकि विधि-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण और यातायात प्रबंधन में कोई प्रॉब्लम नहीं हो.
लेकिन उसकी यह योजना फिलहाल परवान चढ़ती नहीं दिखाई दे रही है. इसकी मूल वजह उधार है. एसएसपी ने कैमरा लगाने के लिए जिस एजेंसी को काम देने का फैसला किया, उस पर नगर निगम का डेढ़ करोड़ से ज्यादा का बकाया है. विज्ञापन मद में इसी बड़ी रकम के बकाया होने के कारण मेसर्स क्राफ्ट आउटडोर मीडिया प्रालि नामक यह एजेंसी डिफॉल्टर की श्रेणी में है. जब एसएसपी ने इस काम के लिए नगर निगम से एनओसी देने का आग्रह किया, तो इसी ‘उधार’ को आधार बना कर नगर आयुक्त कुलदीप नारायण ने एसएसपी जितेंद्र राणा को खरी-खरी कह दिया है कि जिस एजेंसी को आपने कैमरा लगाने का काम सौंपा है, उसके ऊपर 31 मार्च, 2014 तक एक करोड़ 69 लाख 53 हजार 579 रुपये विज्ञापन शुल्क के मद में निगम का बकाया है. मालूम हो कि एसएसपी ने 15 दिसंबर को इस संबंध में पत्र लिखा है.
इसके जवाब में शुक्रवार को भेजे गये पत्र में नगर आयुक्त ने लिखा है कि जब तक एजेंसी के द्वारा निगम का पूर्ण बकाया का भुगतान नहीं कर दिया जाता, तब तक हम उस एजेंसी को एनओसी नहीं जारी कर सकते हैं. ऐसे में एसएसपी को अब दूसरी एजेंसी को काम सौंपना होगा या फिर एजेंसी को बकाया रकम का भुगतान करना होगा.

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