यदि ट्रेन तीन घंटे लेट, तो ट्रेन खुलने के बाद भी पूरा रिफंड
पटना: कुहासे के दौरान अगर कोई ट्रेन तीन घंटे या उससे अधिक विलंब से चल रही है, तो ट्रेन खुलने के तीन घंटे तक यात्रियों को टिकट का पूरा पैसा वापस किया जायेगा. इसके लिए बड़े स्टेशनों पर अलग से पीआरएस काउंटर की व्यवस्था की जा रही है. यात्री संबंधित काउंटर पर ही अपना टिकट […]
पटना: कुहासे के दौरान अगर कोई ट्रेन तीन घंटे या उससे अधिक विलंब से चल रही है, तो ट्रेन खुलने के तीन घंटे तक यात्रियों को टिकट का पूरा पैसा वापस किया जायेगा. इसके लिए बड़े स्टेशनों पर अलग से पीआरएस काउंटर की व्यवस्था की जा रही है. यात्री संबंधित काउंटर पर ही अपना टिकट रद्द करा सकेंगे. फिलहाल जब तक अलग काउंटर की व्यवस्था नहीं होगी, यात्री किसी भी काउंटर पर इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे. यह सुविधा सिर्फ ठंड के मौसम तक ही लागू रहेगी.
तीन घंटे के चक्कर में हो रहा था हंगामा : रेलवे के बनाये गये नियम के अनुसार, ट्रेन खुलने के निर्धारित समय के तीन घंटे बाद अगर यात्री टिकट रद्द कराता है, तो उसे भाड़ा रिफंड नहीं किया जाता है. ऐसे में कुहासे के कारण तीन से लेकर 12-14 घंटे तक चलनेवाली ट्रेनों के टिकट को वापस करने में यात्रियों को चूना लग रहा था. उनके टिकट का पूरा पैसा डूब जा रहा था. इससे नाराज यात्री आये दिन पटना जंकशन सहित कई स्टेशनों पर लगातार हंगामा कर रहे थे. सूत्रों के अनुसार तीन घंटे से अधिक चलनेवाली ट्रेनों के टिकट का डाटा भी नहीं फिट हो रहा था. नयी सुविधा से पूरा पैसा वापस करने में यात्रियों को काफी सहूलियत मिलेगी.
बीच रास्ते से बदल जायेंगे ट्रेन ड्राइवर
सर्दियों में यात्रियों के साथ ही ड्राइवरों का भी ख्याल रखा गया है. कुहासे के चलते जो ट्रेनें लेट से चली रही हैं, उनके ड्राइवरों की डय़ूटी बीच रास्ते में ही बदल दी जायेगी. रेलवे सूत्रों के अनुसार रनिंग रूम में सुविधाओं की कमी के कारण ड्राइवरों व गार्डो को सही से नींद नहीं आती है और न ही सुकून मिलता है. रेलवे ने कुहासे की वजह से बढ़ रहे हादसों को देखते हुए चिंता जाहिर की थी. इसे लेकर निर्णय लिया गया है कि जो ड्राइवर लंबे समय से ड्यूटी कर रहा है या जिनकी ट्रेनें काफी लेट चल रही हैं, उन ड्राइवरों को बीच रास्ते में ही किसी ठहराव पर आराम देकर उनकी जगह दूसरे ड्राइवरों को लगाया जायेगा. इससे ड्राइवरों को थकान नहीं होगा, वहीं यात्री भी सुरक्षित रहेंगे.
कुहासे के चलते ट्रेनें काफी विलंब से चल रही हैं. अगर तीन घंटे से अधिक समय तक ट्रेनें लेट होती हैं और यात्री गाड़ी खुलने के तीन घंटे तक टिकट कैंसिल कराते हैं, तो उनको पूरा पैसा वापस किया जायेगा. यह सुविधा फिलहाल ठंड के मौसम तक ही रहेगी.
– अरविंद कुमार रजक, सीपीआरओ, पूर्व मध्य रेल.
ऐप के जरिये कोहरे से बाधित ट्रेनों की स्थिति जान सकेंगे रेलयात्री
रेल यात्री डॉट इन ने कोहरे की वजह से विलंब से चल रही ट्रेनों की स्थिति की जानकारी के लिए अपने ऐप में नयी खूबी जोड़ी है, जिससे लोगों को प्लेटफॉर्म पर ट्रेन आने का घंटों इंतजार नहीं करना पड़े. कंपनी के मुताबिक, रोजाना चलनेवाली 8,000 से अधिक ट्रेनों में से केवल 100-200 ट्रेनें कोहरे से बुरी तरह बाधित होती हैं, जो उनके मार्ग, समय, दूरी और प्राथमिकता पर निर्भर करता है. कंपनी के संस्थापक व सीइओ मनीष राठी ने कहा कि रेलयात्री ने अपने ऐप में कोहरे से जुड़ी चेतावनी देनी शुरू की है. उत्तर भारत में सर्दियों में कोहरे के दिनों में हर रोज करीब 60-80 ट्रेनों के आवागमन में विलंब होता है. इस ऐप पर चेतावनी पढ़ कर लोगों को इंतजार से बचने में मदद मिलेगी.