आवास बोर्ड की जमीन व फ्लैट होंगे फ्री होल्ड
पटना: बिहार राज्य आवास बोर्ड की राज्य भर की जमीनों व फ्लैटों में रहनेवालों को सरकार फ्री होल्ड करने की तैयारी में है. इस मामले को लेकर शुक्रवार को मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई. इस दौरान इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार कर जल्द ही कैबिनेट में पेश करने की बात कही […]
पटना: बिहार राज्य आवास बोर्ड की राज्य भर की जमीनों व फ्लैटों में रहनेवालों को सरकार फ्री होल्ड करने की तैयारी में है. इस मामले को लेकर शुक्रवार को मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई. इस दौरान इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार कर जल्द ही कैबिनेट में पेश करने की बात कही गयी. बोर्ड की जमीन को फ्री-होल्ड करने से जुड़ा संलेख तकरीबन तैयार हो चुका है. इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है. तीन-चार दिनों में बोर्ड इसे नगर विकास एवं आवास विभाग को भेज देगा. इसके बाद इसे कैबिनेट में पेश करने की तैयारी शुरू कर दी जायेगी.
राजधानी में तीन हजार फ्लैट : बिहार में यह पहली बार होने जा रहा है कि आवास बोर्ड की सूबे के कई शहरों में मौजूद जमीन और फ्लैट को इनमें रहनेवालों को हमेशा के लिए स्थानांतरित कर दिया जायेगा. इसके तहत पटना के कंकड़बाग, लोहियानगर, हनुमान नगर, कृष्णा नगर, नागेश्वर कॉलोनी, दीघा समेत अन्य कई मोहल्लों में करीब तीन हजार फ्लैट और जमीन हैं. लोहियानगर में 450 और हनुमान नगर में 950 ऐसे प्लॉट मौजूद हैं.
अन्य शहरों में भी मिलेगा लाभ : पटना के अलावा आरा, गया, डेहरी एंड सोन, सासाराम, पूर्णिया, भागलपुर, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, छपरा समेत अन्य कई शहरों में आवास बोर्ड की जमीन मौजूद है. राज्य भर में बोर्ड की करीब 19 हजार जमीन या भू-संपदा मौजूद है. हालांकि अन्य राज्यों में यह व्यवस्था पहले से ही है.
आसानी से बेच सकेंगे जमीन
फ्री-होल्ड पर जमीन ट्रांसफर होने से जमीन मालिक आसानी से इसे बेच सकते हैं. वर्तमान में इसे बेचने के लिए आवास बोर्ड से अनुमति लेनी पड़ती है और जमीन का आधा पैसा भी बोर्ड में जमा करना होता है. यह उनकी अपनी मिलकियत हो जायेगी. इसे वे अपनी संपत्ति के तौर पर कहीं भी दिखा सकते हैं. साथ ही इस पर बैंक से लोन भी प्राप्त कर सकते हैं. अभी लीज होल्ड की जमीन पर बैंक से लोन नहीं मिलता है.
रजिस्ट्री का देना होगा शुल्क
इन जमीनों पर वर्तमान में जो लोग रह रहे हैं, उन्हें जमीन अपने नाम पर रजिस्ट्री कराने के लिए सरकार को रजिस्ट्री फीस देनी होगी. हालांकि, अभी यह तय नहीं हुई है कि यह फीस बाजार मूल्य के अनुसार होगी या सरकार इसमें कोई रियायत बरतेगी. इसे लेकर फैसला सरकार के स्तर पर होना है. वर्तमान प्रस्ताव के अनुसार जमीन रजिस्ट्री की फीस कहीं दो प्रतिशत लगेगी, तो कहीं यह 22 फीसदी तक हो सकती है. कहीं-कहीं यह 5, 12 और 15 प्रतिशत भी होगी.