सिर्फ अपने भाषणों में अल्पसंख्यकों के हितैषी हैं लालू प्रसाद : राजीव रंजन
संवाददाता, पटनाजदयू विधायक राजीव रंजन ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद पर सीधा हमला करते हुए कहा कि लालू जी केवल अपने भाषणों में ही अल्पसंख्यकों के हितों की बात करते हैं. जबकि उनके विकास के लिए उनके पास न तो नीति है और न ही नीयत. लालू जी की सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2004-05 […]
संवाददाता, पटनाजदयू विधायक राजीव रंजन ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद पर सीधा हमला करते हुए कहा कि लालू जी केवल अपने भाषणों में ही अल्पसंख्यकों के हितों की बात करते हैं. जबकि उनके विकास के लिए उनके पास न तो नीति है और न ही नीयत. लालू जी की सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2004-05 में उन्होंने अल्पसंख्यकों के विकास के लिए कुल तीन करोड़, 30 लाख रुपये का प्रावधान किया था. जबकि राज्य में अल्पसंख्यकों की कुल आबादी 16.53 प्रतिशत है यानी बिहार में अल्पसंख्यकों की जनसंख्या एक करोड़, 70 लाख से भी अधिक है. अगर, वर्ष 2004-05 में अल्पसंख्यकों के विकास के लिए उपलब्ध राशि का आंकड़ा देखें तो जाहिर है कि प्रति अल्पसंख्यक दो रुपये का प्रावधान किया गया था, वह भी पूरे सालभर के लिए.राजीव रंजन ने एक बयान जारी कर कहा कि लोकसभा चुनाव में लालू जी लगातार अल्पसंख्यकों के हितैषी होने का दावा करते रहे. लेकिन चुनाव के बाद अल्पसंख्यक समाज की उन्हें याद तक नहीं आयी. पिछले छह महीनों से उन्होंने अल्पसंख्यकों के बारे में कुछ भी कहा. लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव सिर पर आते ही उन्हें अल्पसंख्यक वोट बैंक का ख्याल आ गया. जदयू में अपने बगावती तेवर दिखाने वाले राजीव रंजन ने कहा कि लालू प्रसाद अल्पसंख्यकों को गोधरा कांड का डर दिखाते हैं लेकिन उससे कहीं अधिक अमानवीय दंगे तो वर्ष 1989 में भागलपुर में तथा गुजरात में कांग्रेस के शासनकाल में हुए हैं. इन दंगों पर लालू जी कभी कुछ नहीं बोलते. पिछले 25 वर्षों से लालू प्रसाद का भाषण सुन रहे अल्पसंख्यक युवकों को अब अच्छी तरह पता चल चुका है कि लालू प्रसाद के भाषण और उनकी नीति व नीयत में काफी अंतर है.