पटना : गंठबंधन टूटने के बाद भी नीतीश कुमार जब तक सीएम रहे, तब जिस तरह से विकास और कानून व्यवस्था की स्थिति चौपट हुई, उससे स्पष्ट है कि अब वे गुड गवर्नेस का जिम्मा लेने लायक नहीं रहे. ये बातें भाजपा नेता सुशील मोदी ने फेसबुक पर कही हैं. उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार तब तक ही सुशासन के प्रतीक थे, जब तक भाजपा साथ थी.
उन्होंने कहा है कि जब मशरख के स्कूल में विषाक्त मिड डे मील खाने से 23 मासूम बच्चों की मौत हुई थी, तब नीतीश कुमार सुशासन की गारंटी क्यों नहीं दे सके थे? जब बोधगया व पटना में भाजपा की हुंकार रैली के दौरान सीरियल ब्लास्ट हुए, तब उनका गुड गवर्नेस कहां चला गया था? रावण वध के बाद मची भगदड़ में 33 लोगों की जान चली गयी, उस समय भी जदयू की ही सरकार थी, नीतीश कुमार बतायें कि लोगों को सुरक्षा की गारंटी क्यों नहीं मिल पायी?
लोकसभा चुनाव के बाद लालू प्रसाद से मिलने के बाद तो अपराधियों का दुस्साहस इतना बढ़ गया कि हत्या-बलात्कार की घटनाएं 2005 के आंकड़े को पार कर गयीं. जिन लोगों का समर्थन लेने भर से सूबे में जंगलराज-2 का भयानक आगाज हो चुका है, उनके साथ पार्टी का विलय कर नीतीश गुड गवर्नेस की जिम्मेवारी कैसे ले सकते हैं? वह कहते हैं कि उनके पास गुड गवर्नेस के सिवा कुछ नहीं है. उन्हें बताना चाहिए कि उनके रहते गया में राजद विधायक की दबंगई कैसे बढ़ गयी? सीवान में शहाबुद्दीन के इशारे पर हत्याएं कैसे जारी हैं. डकैती की घटनाओं से आज बिहार क्यों सहमा हुआ है?
मोदी के जेदयू से सवाल
पटना : जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार व प्रदेश महासचिव रवींद्र सिंह ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी से वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे हैं.
पहला सवाल : भाजपा सांसद साक्षी महाराज कहते हैं कि मदरसों में आतंकवाद का प्रशिक्षण दिया जाता है व भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी मदरसे का उद्घाटन करते हैं. दोनों में से कौन झूठे?
(क) साक्षी महराज (ख) मुरली मनोहर जोशी (ग) दोनों.
दूसरा सवाल : केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की मांग करती हैं व सुब्रमन्यम स्वामी यह कह कर कि रावण दलित थे, धर्म ग्रंथ को झूठा साबित कर रहे हैं. दोनों में कौन झूठे हैं?
(क) सुषमा स्वराज (ख) स्वामी (ग) दोनों
नीतीश को नहीं चाहिए किसी का सर्टिफिकेट
पटना : जदयू के विधान पार्षद व प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह ने भाजपा नेता सुशील मोदी से पूछा है कि वह बतायें कि बिहार के युवकों को रोजगार देने के उनके चुनावी वादे का क्या हुआ? उन्होंने पूछा है कि आठ महीने के कार्यकाल में केंद्र सरकार ने बिहार के युवकों को नौकरी देने के लिए क्या किया? संजय सिंह ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘गुड गवर्नेस’ के लिए किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. उनके गुड गवर्नेस के कारण ही भाजपा नेताओं को बिहार में स्थापित होने का मौका मिला है.जदयू प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार देश के ऐसे राजनेता हैं जो अपनी शर्तो पर राजनीति करते हैं. उनकी खासियत को बिहार की जनता भी जानती है.