विलय की समयसीमा तय नहीं
15 फरवरी को गांधी मैदान में जदयू का राजनीतिक सम्मेलन : नीतीश पटना : जदयू विधानसभा चुनाव में इस बार भी गवर्नेस को चुनावी मुद्दा बनायेगा. विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटा 15 फरवरी को गांधी मैदान में राज्यस्तरीय राजनीतिक सम्मेलन करेगा. रविवार को प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने […]
15 फरवरी को गांधी मैदान में जदयू का राजनीतिक सम्मेलन : नीतीश
पटना : जदयू विधानसभा चुनाव में इस बार भी गवर्नेस को चुनावी मुद्दा बनायेगा. विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटा 15 फरवरी को गांधी मैदान में राज्यस्तरीय राजनीतिक सम्मेलन करेगा. रविवार को प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकीघोषणा की.
सम्मेलन में पार्टी के बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं को बुलाया जायेगा. जदयू और राजद समेत छह दलों के विलय पर मुहर पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में लगेगी. उन्होंने खरमास के तत्काल बाद विलय की संभावना से इनकार किया. कहा कि यह बात भ्रामक है कि 14 जनवरी के तुरंत बाद जदयू-राजद का मर्जर होगा. उन्होंने कहा कि इसकी अभी समयसीमा तय नहीं की गयी है. सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को इसकी जिम्मेवारी सौंपी गयी है, जिस पर वह काम भी कर रहे हैं.
पहले इस पर औपचारिक सहमति बनेगी, उसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय परिषद की बैठक में इस पर मुहर लगेगी. लेकिन, एक बात सही है कि मर्जर को लेकर अंतहीन सिलसिला भी नहीं चलना चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री जदयू के प्रदेश कार्यालय में प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि 17 व 18 जनवरी को चंपारण के सिकटा और मधुबन में संपर्क रैली होगी. यह रैली जन रैली होगी, जिसमें सभी लोग शामिल होंगे. इसके बाद पार्टी के 15 फरवरी (रविवार) को पटना के गांधी मैदान में आयोजित ‘राज्यस्तरीय राजनीतिक सम्मेलन’ में उन्हीं कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया जायेगा, जो जिला राजनीतिक सम्मेलन में भाग ले चुके हैं. इसका आकार बड़ा होगा. इसमें हर बूथ से कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया है.
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी द्वारा मुंगेर में दिये गये बयान कि मेरी बात सरकार में बैठे मंत्री नहीं मानते, श्री कुमार ने कहा कि इसकी जानकारी मुङो नहीं है. जिन बातों की जानकारी नहीं हो, उस पर जवाब देना उचित नहीं है.
गुजरात में युवा किसान कर रहे आत्महत्या
एक सवाल के जवाब में नीतीश ने कहा कि 17 जनवरी से शुरू होनेवाली संपर्क रैली में हमारा एजेंडा साफ हैं. हम चुनाव के जिन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जायेंगे, उनमें गवर्नेस प्रमुख होगा. गुड गवर्नेस को तो मैंने करके दिखा दिया है. दूसरे लोग अभी इस पर सोच रहे हैं. इसके अलावा केंद्र में बैठी सरकार की जनता के साथ की गयी वादाखिलाफी, जिसमें काला धन और किसानों के साथ होनेवाले अन्याय को फोकस किया जायेगा. गुजरात में भी युवा किसान आत्महत्या कर रहे हैं. भूमि अधिग्रहण कानून को लेकर जो अध्यादेश लाया गया है, उससे किसानों का नुकसान होगा. पूर्व के भूमि अधिग्रहण कानून को सोच कर लाया गया था. अब इस सरकार ने उसमें किसानों के अधिकारों में कटौती की है. टाउनशिप डेवपलपमेंट के मामले में भूमि अधिग्रहण में छूट दी गयी है. आखिर टाउनशिप का डेवलपमेंट कौन करेगा. नौजवान युवा-युवतियों को नौकरी देने का वादा किया गया था. अब सभी वादे भूल गये. इन सभी मुद्दों को लेकर जनता के बीच जायेंगे कि वह सावधान रहें.
जल्द हो मजर्र की प्रक्रिया
यह पूछे जाने पर कि मर्जर को लेकर जदयू अधिक सक्रिय है, नीतीश ने कहा, सभी दल सक्रिय हैं. इसकी जिम्मेवारी मुलायम सिंह यादव को सौंपी गयी है. हमारी राय है कि मर्जर की प्रक्रिया के लिए अंतहीन सिलसिला नहीं चलना चाहिए. यह काम शीघ्र हो जाये. पर, इसमें समय लगेगा. संपर्क रैली के दौरान अगर पार्टी का मर्जर होता है, तो वह इस मुद्दे को मर्ज पार्टी के सामने भी रखेंगे. इसे आगे बढ़ाया जायेगा या साथ में कोई दूसरा कार्यक्रम चलेगा.
गांवों में दिखायी जाये पीके
उन्होंने फिल्म पीके को टैक्स फ्री करने पर राज्य सरकार को बधाई दी और कहा कि मेरी व्यक्तिगत राय है कि इसे गांव-गांव में दिखाया जाये. इस फिल्म में आस्था पर कोई चोट नहीं है. अच्छे समय में अच्छी फिल्म आयी है. पिछला वर्ष पाखंड का था, तो नया वर्ष पाखंड को ध्वस्त करनेवाला है.