चलो चलें मोदी के साथ, तभी होगा विकास
कार्यसमिति की बैठक का समापन. भाजपा ने बिहार में बहुमत की सरकार बनाने का लिया संकल्प, दिया नारा प्रदेश कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक का समापन पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजय रथ पर सवार होकर भाजपा बिहार विधानसभा चुनाव की जंग में कूदेगी. बिहार में अपने दम पर स्पष्ट व पूर्ण बहुमत की […]
कार्यसमिति की बैठक का समापन. भाजपा ने बिहार में बहुमत की सरकार बनाने का लिया संकल्प, दिया नारा
प्रदेश कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक का समापन
पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजय रथ पर सवार होकर भाजपा बिहार विधानसभा चुनाव की जंग में कूदेगी. बिहार में अपने दम पर स्पष्ट व पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के संकल्प के साथ भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक मंगलवार को संपन्न हो गयी.
बैठक में भाजपा नेताओं ने संकल्प लिया कि वे बिहार की जनविरोधी, गरीब विरोधी और किसान विरोधी जदयू-राजद-कांग्रेस महागंठबंधन की मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकेंगे. पार्टी ने ‘जिसकी केंद्र में सरकार, उसकी प्रदेश में सरकार, चलो चलें मोदी के साथ, तभी होगा बिहार का विकास’ का नारा दिया है.
कार्यसमिति की बैठक के अंतिम सत्र को संबोधित करते हुए भाजपा सांसद व पार्टी के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने कहा कि वर्ष 2010 में बिहार की जनता ने सत्ता पर काबिज होने का जनादेश भाजपा व जदयू को दिया था. नीतीश कुमार ने भाजपा से संबंध तोड़ने की घोषणा की थी, तब उन्हें बिहार की सत्ता भी छोड़ देनी चाहिए थी. लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं किया.
उन पार्टियों के दम पर सत्ता में बने हुए हैं, जिन्हें बिहार की जनता ने न केवल पिछले चुनाव में नकार दिया था, बल्कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उनका सूपड़ा साफ कर दिया.
राजनीति के मानक तय करता है बिहार : उन्होंने बिहार की जनता का आह्वान किया कि बिहार में सत्ता उन हाथों में सौंपें, जो राज्य में पारदर्शी व उत्तरदायी सरकार दे सके. श्री यादव ने कहा कि बिहार वह जीवंत राज्य है, जो देश की राजनीति के नये मानक तय करता है. इस साल का बिहार विधानसभा चुनाव बिहार ही नहीं, बल्कि देश की राजनीतिक दिशा व दशा तय करनेवाला होगा.
उन्होंने कहा कि भाजपा गरीबी को कभी आर्थिक व सामाजिक वर्गो में बांट कर नहीं देखती. हमारा मकसद समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को सम्मान और समृद्धि से जोड़ना है. भाजपा ने कभी राजनीति के लिए गरीबी का वर्गीकरण नहीं किया है. उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा गरीबों के हित में लिये गये कुछ अहम फैसलों की चर्चा करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने देश के अनुसूचित जाति, जनजाति व अल्पसंख्यकों के विकास के लिए अपने बजट में यूपीए सरकार के मुकाबले 45 प्रतिशत की औसत वृद्धि की है. कृषि क्षेत्र के बजट में 20 प्रतिशत तथा मध्यम व लघु उद्योगों के विकास के लिए 25 प्रतिशत की वृद्धि की है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का स्वच्छता अभियान देश के गरीबों के हित में है.
अवसरवादियों को सबक सिखायेगी जनता
पटना : बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं से चुनाव की तैयारी में जुट जाने को कहा. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने अवसरवादियों को सबक सिखाने का मन बना लिया है.
उन्होंने नीतीश कुमार से पूछा कि आतंकराज और जंगलराज में क्या अंतर है? मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार को 18 साल तक भाजपा कनफूंकवा नहीं लगी और आज अचानक कनफूंकवा कैसे बन गयी? उन्होंने दावा किया कि पिछले आठ वर्षो में बिहार में विकास के जो भी काम हुए, वे भाजपा के कारण हुए.
भाजपा के अलग होते ही राज्य में सड़क निर्माण की गति में 23 फीसदी की कमी आ गयी है. विकास के सभी काम अधूरे पड़े हैं. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद और कानून कभी एक साथ नहीं चल सकते हैं. लालू से नजदीकियों की भनक लगते ही राज्य में कानून-व्यवस्था का बुरा हाल हो चुका है.
पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन, सांसद पप्पू यादव, पूर्व मंत्री सुरेंद्र यादव, रीतलाल यादव जैसे आपराधिक प्रवृत्ति के राजनेता एक बार फिर सामने आने लगे हैं. उन्होंने राज्य सरकार से पूछा कि अपराधियों को स्पीडी ट्रायल चला कर सजा दिलाने के अभियान का क्या हुआ? उन्होंने कहा कि यह सरकार भ्रष्टाचार के मामले में अपने ही मानकों को तोड़ने में व्यस्त है. चाहे वह मुख्यमंत्री या फिर किसी मंत्री के नजदीकी रिश्तेदार या बेटे-दामाद को पीए बनाने का मामला हो या फिर पूर्व मुख्यमंत्री को देय सुविधाओं का मामला हो. भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए अपने ही मानकों और सिद्धांतों को उन्होंने तिलांजलि दे दी है.
75 लाख नये सदस्य बनायेगी भाजपा
अगले तीन महीने में भाजपा बिहार में 75 लाख नये सदस्य बनायेगी. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सदस्यता अभियान के राष्ट्रीय प्रभारी डॉ दिनेश शर्मा ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि भाजपा दुनिया में सबसे अधिक सदस्योंवाली पार्टी बनने का गौरव हासिल करनेवाली है. फिलहाल इस मामले में चीन की सरकारी पार्टी को यह गौरव प्राप्त है और उसके आठ करोड़ से भी अधिक सदस्य हैं.
1 नवंबर को शुरू हुए भाजपा के सदस्यता अभियान के तहत तीन करोड़ से भी अधिक नये सदस्यों को जोड़ा जा चुका है. बिहार में ही करीब 11 लाख सदस्य बनाये जा चुके हैं. जिन राज्यों में आगे चुनाव होने हैं, वहां सदस्यता अभियान में तेजी लायी जायेगी. बिहार में 4, 5 व 6 फरवरी को विशेष अभियान चलाया जायेगा. पार्टी के नेता व कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को पार्टी की सदस्यता प्रदान करेंगे.
भयान के तहत गलत व आपराधिक चरित्र के लोगों को पार्टी से बाहर निकालने की भी व्यवस्था की गयी है.
अमित शाह की सभा के लिए मैदान नहीं दे रही सरकार
प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने लगाया आरोप
पटना : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि वह भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की सभा के लिए मिलर हाइ स्कूल का मैदान उपलब्ध नहीं करा रही है.
जबकि, इसके लिए 18 दिसंबर को ही शिक्षा विभाग को आवेदन दिया गया था. मैंने व्यक्तिगत तौर पर शिक्षा मंत्री वृशिण पटेल से भी आग्रह किया था. उन्होंने सभा के लिए मैदान उपलब्ध कराने का वादा भी किया था. उन्होंने कहा कि आज जानकारी मिली है कि शिक्षा विभाग के सचिव व माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने आवेदन यह कह कर निरस्त कर दिया है कि 23 जनवरी को मिलर हाइ स्कूल का मैदान खाली नहीं है.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार के इशारे पर नगर निगम ने अभियान चला कर कार्यसमिति की बैठक के लिए लगाये गये बैन और पोस्टर तक को नोचवा दिया है. उन्होंने कहा कि हम सरकार के ऐसे फैसलों से पीछे हटनेवाले नहीं हैं. पटना में ही किसी और स्थान की तलाश कर रहे हैं, जहां अमित शाह की सभा का आयोजन किया जा सके.
अहंकारवश नीतीश ने तोड़ा गंठबंधन : बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने दावा किया कि बिहार में जदयू व भाजपा गंठबंधन की सरकार राज्य की जनता में उम्मीद जगानेवाली सरकार थी. जनता की उम्मीदों पर यह गंठबंधनवाली सरकार खरी भी उतरी. इसी का नतीजा था कि वर्ष 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में जनता ने जदयू-भाजपा को तीन चौथाई बहुमत से सत्ता में बिठाया था. इसके बाद बिहार के विकास की रफ्तार तेज हुई. बिहार में इन बदलावों के पीछे भाजपा ही थी, जो गंठबंधन को दिशा दे रही थी.
लेकिन, वर्ष 2013 में व्यक्तिगत अहंकार और महत्वाकांक्षा के लिए बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा से संबंध तोड़ लिया. यह जनता द्वारा वर्ष 2005 व वर्ष 2010 में दिये गये जनादेश के साथ विश्वासघात था. नीतीश कुमार ने भाजपा से संबंध तोड़ने के बाद एक बार फिर उन्हीं तत्वों के साथ हाथ मिलाया, जिनके खिलाफ उन्होंने वर्ष 2005, 2009 (लोकसभा चुनाव) व 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव की लड़ाई लड़ी थी.
लेकिन, 2014 में बिहार की जनता ने नीतीश कुमार के जदयू, लालू प्रसाद के राजद और सोनिया गांधी की कांग्रेस को कड़ा सबक सिखाया और तीनों को नकार दिया. इसके बाद दिसंबर, 2014 में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में भी राजद और जदयू का वहां खाता तक नहीं खुला. जबकि, जदयू व राजद को झारखंड में रह रहे बिहार के मूल वासियों से काफी उम्मीदें थीं.
श्री पांडेय ने इस साल के अंत में होनेवाले बिहार विधानसभा चुनाव को जंगलराज पार्ट-2 से बिहार को मुक्ति का चुनाव करार दिया है. अब मौका आ गया है कि बिहार की जनता भाजपा को पूर्ण बहुमत देकर नरेंद्र मोदी की अगुआई में बिहार को विकास के रास्ते पर लाने का जनादेश दे. आज बिहार में कहीं भी कानून का राज दिखायी नहीं देता. भ्रष्टाचार अपने चरम पर है. सरकार के हर विभाग में विकास के कार्य ठप हैं.