फ्रांस के मुसलिम नेताआंे ने हमले को बर्बर करार दिया
इसे प्रेस की स्वतंत्रता एवं लोकतंत्र पर बताया हमला पेरिस : फ्रांस के मुसलिम नेतृत्व ने एक व्यंग्यात्मक साप्ताहिक ‘शार्ली एब्दो’ अखबार के दफ्तर मंे हुई गोलीबारी की सख्त निंदा करते हुए इसे बर्बर हमला करार दिया और इसे प्रेस की स्वतंत्रता एवं लोकतंत्र पर हमला बताया. फ्रेंच मुसलिम काउंसिल ने एक बयान में कहा, […]
इसे प्रेस की स्वतंत्रता एवं लोकतंत्र पर बताया हमला पेरिस : फ्रांस के मुसलिम नेतृत्व ने एक व्यंग्यात्मक साप्ताहिक ‘शार्ली एब्दो’ अखबार के दफ्तर मंे हुई गोलीबारी की सख्त निंदा करते हुए इसे बर्बर हमला करार दिया और इसे प्रेस की स्वतंत्रता एवं लोकतंत्र पर हमला बताया. फ्रेंच मुसलिम काउंसिल ने एक बयान में कहा, यह अत्यंत संगीन बर्बर हरकत लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता पर भी हमला है. यह संगठन फ्रांस के मुसलिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करता है, जो यूरोप मंे सबसे बड़ा है और उनकी संख्या 35 लाख से 50 लाख के बीच है. संगठन के अध्यक्ष व पेरिस मसजिद के प्रमुख दलील बौबाकर गोलीबारी के घटनास्थल पर जानेवाले हैं.मुसलिम कांउंसिल ने शांति कायम रखने की अपील की है और मुसलमानों को चरमपंथी उकसावे से सतर्क रहने को कहा है. इसने कहा है कि मुसलिम समुदाय चरमपंथी संगठनों को मौके का लाभ उठाने का मौका नहीं दें और सतर्क रहें. मुसलिम ब्रदरहुड के एक करीबी संगठन यूनियन ऑफ फ्रेंच इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन के बयान में भी इस आपराधिक हमले और नृशंस हत्याआंे की सख्त निंदा की गयी है. फ्रांस के यहूदियों के मुख्य धर्मगुरु हइम कोरसिया ने एएफपी से कहा कि देश को राष्ट्रीय एकजुटता दिखाने और मिल-जुल कर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित अपनी स्वतंत्रता की हिफाजत करने की जरूरत है. गौरतलब है कि फ्रांस में यूरोप की सर्वाधिक यहूदी आबादी है और उनकी संख्या पांच लाख से छह लाख के बीच है.