श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहयो

फोटो पटना. मैं तो आज गोवर्धन कू जाओ मेरे वीर नाही मेरौ मनुआ, श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहयों आदि भजनों पर श्रद्धालु जम कर झूमे. नागा बाबा ठाकुरबाड़ी में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन महाराज गोपेश जी महाराज ने कृष्ण की बाल लीला और गोवर्धन पूजा कथा का वर्णन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2015 12:03 AM

फोटो पटना. मैं तो आज गोवर्धन कू जाओ मेरे वीर नाही मेरौ मनुआ, श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहयों आदि भजनों पर श्रद्धालु जम कर झूमे. नागा बाबा ठाकुरबाड़ी में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन महाराज गोपेश जी महाराज ने कृष्ण की बाल लीला और गोवर्धन पूजा कथा का वर्णन किया. इस दौरान गोपेश जी ने कहा कि श्रीकृष्ण पूर्ण ब्रह्म है, परमेश्वर हैं. आज से सवा पांच हजार वर्ष पूर्व पृथ्वी का भार उतारने के लिए भक्तों की प्रार्थना पर वह अवतरित हुए थे. उस समय पाप चरमोत्कर्ष पर था. राजा अपना धर्म भूल कर प्रजा का शोषण कर रहे थे. चारों तरफ भय अशांति का वातावरण था. तब प्रभु ने धर्म की स्थापना के लिए अवतार लिया. भगवान की लीलाओं का भाव पूर्ण वर्णन करते हुए कहा कि सर्व शक्तिमान होकर भी वह गौ माता के पीछे नंगे पैर ब्रज भूमि में चले. भगवान के प्रकट होने के पीछे गौ माता का करूण कंद्रन है. आज देश में हो रही गौ हत्याएं संपूर्ण मानव जाति के लिए कलंक है. महाराज ने कहा कि गौ माता में 33 कोटि देवी-देवताओं का निवास होता है. वही गौ आज दर-दर की ठोकर खाती है और कूड़ा-कचरा खाकर जीवन निर्वाह करने को मजबूर है. गौर रक्षा मानव का कर्तव्य ही नहीं बल्कि धर्म भी है. गौ माता हमारे आराध्य है. लीला में उन्होंने गोवर्धन लीला, काली दह लीला का वर्णन किया. अवसर पर काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे.

Next Article

Exit mobile version