आयुक्त व महापौर कानूनी दायरे में करें काम

पटना. पटना उच्च न्यायालय ने पटना नगर निगम के महापौर के उस याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार दिया, जिसमें उन्होंने उनकी गैर मौजूदगी में स्टैंडिंग कमेटी की बैठक कर ली थी. न्यायाधीश ज्योति शरण की कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान नगर आयुक्त को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें अपने दायरे में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2015 6:00 AM
पटना. पटना उच्च न्यायालय ने पटना नगर निगम के महापौर के उस याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार दिया, जिसमें उन्होंने उनकी गैर मौजूदगी में स्टैंडिंग कमेटी की बैठक कर ली थी. न्यायाधीश ज्योति शरण की कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान नगर आयुक्त को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें अपने दायरे में रह कर काम करना चाहिए.

जो कानूनी तौर पर उचित हो और जो पटना नगर निगम के प्रावधानों के तहत हो, ऐसे ही काम नगर आयुक्त और महापौर को इसी दायरे में काम करने की नसीहत भी दी. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी भी कि नगर आयुक्त और महापौर में नहीं बन रही है. कोर्ट ने यह भी कहा कि महापौर और वार्ड काउंसिलर में नहीं बन रहा और यही स्थिति नीचे के स्तर पर भी है.

इसके पहले महापौर के वकील ने कोर्ट को बताया कि 21 अक्तूबर, 2014 को महापौर के शहर में मौजूद रहने के बावजूद नगर आयुक्त की शह पर उप महापौर की अध्यक्षता में स्टैंडिंग कमेटी की बैठक हुई. जबकि, कोर्ट ने भी कहा था कि यह बैठक नहीं हो सकती. इसके बाद भी बैठक हुई और जब तक कोर्ट का कोई निर्देश आता, बैठक खत्म भी हो गयी.

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