मैं नहीं, पर महादलित ही होगा अगला CM : मांझी

पटना/गौनाहा (पश्चिमी चंपारण): मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि मुङो यह पता है कि मैं प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री नहीं होऊंगा, लेकिन कोई गरीब का बेटा ही अगला मुख्यमंत्री होगा, जो महादलित समाज से होगा. मुख्यमंत्री ने गुरुवार को पश्चिमी चंपारण के गौनाहा के बेलसंडी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में अखिल भारतीय थारू महासंघ के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2015 6:01 AM
पटना/गौनाहा (पश्चिमी चंपारण): मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि मुङो यह पता है कि मैं प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री नहीं होऊंगा, लेकिन कोई गरीब का बेटा ही अगला मुख्यमंत्री होगा, जो महादलित समाज से होगा. मुख्यमंत्री ने गुरुवार को पश्चिमी चंपारण के गौनाहा के बेलसंडी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में अखिल भारतीय थारू महासंघ के सम्मेलन में कहा कि मुङो इस बात की चिंता नहीं है कि मैं सीएम बनता हूं या नहीं, लेकिन मेरे महादलित भाई-बहनों का काम होना चाहिए.

जो सिलसिला पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुरू किया, वह रुकना नहीं चाहिए. इससे पहले पटना में एसके मेमोरियल हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कहा कि मैं राज्य की सरकार चला रहू, जबकि शरद यादव और नीतीश कुमार पार्टी चला रहे हैं.

पार्टी समेत विलय पर जिस रणनीति की आवश्यकता है, उसे भी शरद-नीतीश तय कर रहे हैं. सभी अपनी-अपनी जगहों पर अच्छा काम कर रहे हैं. जदयू के पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में शामिल नहीं होने के मामले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पार्टी की बैठक थी. पार्टी को मजबूत करने का काम नीतीश कुमार बखूबी कर रहे हैं. जब जरूरत होगी, तो सभी लोग एक साथ मिल बैठ कर बात करेंगे और काम करेंगे. फिलहाल नीतीश कुमार संगठन को मजबूत करने व छह दलों के महाविलय में लगे हुए हैं.

यह महाविलय भाजपा जैसी शक्तियों को रोकने के लिए हो रहा है. सब कुछ सीखा हमने, ना सीखी होशियारी..सच कहती है दुनिया, हम हैं अनाड़ी. फिल्म अनाड़ी के इस गीत के जरिये मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी पीड़ा सुनायी. कहा, मैं विद्वान नहीं हूं. जो विद्वान होता है, वह बड़ी-बड़ी बात करता है. मैंने जीवन में जो कुछ देखा है, उसी अनुभव के आधार पर उसे बोलता हूं और उसके बाद उस पर चर्चा होने लगती है. सच तो मारा जाये, झूठ सब बतियाये. आज लोग सच पर यकीन नहीं करते हैं, झूठ पर जल्द भरोसा कर लेते हैं. मेरे साथ भी ऐसा ही हो रहा है. मेरी कही बातों को सुन कर लोग मजाक भी उड़ाते हैं.

उन्होंने कहा कि समारोह-सभाओं में लोग जिंदाबाद के नारे लगाते हैं, मांगें पूरी करने की बात करते हैं, उन्हें स्वरोगार पर ध्यान देना चाहिए. इससे बिहार की तसवीर बदल जायेगी. हम चाहते तो हैं कि सभी की मांगें पूरी करें, लेकिन केंद्र सरकार ने बिहार सरकार के विभिन्न विभागों का करीब 20 हजार करोड़ रुपये दबा लिये हैं. ऐसे में आंदोलन करनेवाले ही बता दें कि हम कैसे उनकी मांगों को पूरा करें?

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