गुरु खोलते हैं ज्ञान के द्वार

पटना: अपने गुरुओं के प्रति श्रद्धा निवेदित करने का पर्व गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को राजधानी में अलग-अलग संस्थानों द्वारा समारोह आयोजित किया गया. दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आशुतोष जी महाराज के शिष्य यादवेंद्रानंद जी ने कहा कि मनुष्य जीवन का उद्धार बिना गुरु के संभव नहीं है. समारोह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2013 6:40 AM

पटना: अपने गुरुओं के प्रति श्रद्धा निवेदित करने का पर्व गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को राजधानी में अलग-अलग संस्थानों द्वारा समारोह आयोजित किया गया. दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आशुतोष जी महाराज के शिष्य यादवेंद्रानंद जी ने कहा कि मनुष्य जीवन का उद्धार बिना गुरु के संभव नहीं है.

समारोह में साध्वी सुश्री समीक्षा भारती, साध्वी अमृता भारती, ममता जी, प्रसन्ना भारती, प्रीति भारती, गुरुभाई प्रदीप जी, अरविंद जी, अमित जी ने अपने भजनों से श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया. उधर, आशियाना नगर के रामनगरी रोड नंबर दो में आयोजित कार्यक्रम में ज्योतिषाचार्य अभय मिश्र ने कहा कि गुरु की कृपा से ही कोई भी मनुष्य संपूर्ण मानवता को प्राप्त कर समाज का सच्च नागरिक बन सकता है. बेली रोड में अखिल भारतीय शक्ति साधना मंडल द्वारा गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन हुआ.

समारोह की अध्यक्षता डॉ रंजन सूरिदेव ने की. इस मौके पर गुरुदेव कौल भास्कर, वीरेंद्र गिरी, रमा देवी, कृष्ण मुरारी तिवारी, लक्ष्मण जी चौबे, मृत्युंजय मिश्र करुणोश, रमेश प्रसाद सिंह, विजय कृष्ण सिंह, कृष्ण कुमार पाठक आदि ने विचार रखे. श्री योग वेदांत सेवा समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि करोड़ों जन्मों के माता-पिता जो न दे सके सदगुरु वह दे डालते हैं. कदमकुआ में संत आशाराम बापू सत्संग केंद्र के साधकों ने गुरु पूर्णिमा पर आयोजित कार्यक्रम में विद्या लाभ व बुद्धि की कुशाग्रता बढ़ाने के लिए ऊं ऐं हीं श्रीं क्लीं वाग्वादिनी सरस्वती मम श्री जिभ्याग्रे वद-वद ऊं ऐं हीं श्रीं क्लीं नम: स्वाहा.. मंत्र का जाप कराया गया.

इसमें मुख्य रूप से नरेंद्र ब्रह्मचारी, सरिता बहन, रश्मि बहन, दयाराम जी, पवन जी आदि उपस्थित थे. वहीं पटना सिटी में भी गुरु पूर्णिमा पर सोमवार को भगवान जगन्नाथ की रथयात्र भी वापस जगन्नाथ मंदिर लौट आयी. 13 दिनों तक प्रवास के बाद वापस लौटने से पहले परंपरागत तरीके से पूजा अर्चना की गयी. जगन्नाथ मंदिर नौजर घाट में रथयात्र वापसी पर पुजारी आचार्य विष्णुकांत झा की देखरेख में संपन्न पूजा अर्चना के बाद भगवान जगन्नाथ को विराजमान किया गया. इसी तरह मच्छरहट्टा स्थित गोपीनाथ की गली स्थित जगन्नाथ मंदिर में भी लल्लू बाबू के कूंचा से पुजारी रामानंद पांडेय ने पूजा अर्चना के उपरांत भगवान जगन्नाथ को वापस लाया. बेगमपुर महावीर मंदिर से भी पुजारी पंडित सुखदेव पांडे, संयोजक विशाल पांडे ने पूजा अर्चना के बाद रथयात्रा को वापस लाया. बताते चलें कि आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीय तिथि को यह रथयात्र परंपरागत तरीके से निकाली गयी थी. वहीं कई भक्तों ने गंगा में डुबकी लगायी.

Next Article

Exit mobile version