छात्रों ने इंटर के मॉडल पेपर फाड़े, दाम को लेकर किया हंगामा

पटना: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने लंबे इंतजार के बाद शनिवार को इंटर का मॉडल पेपर जारी कर दिया. समिति के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह ने छात्रों के हंगामे के बीच साइंस, आर्ट्स, कॉमर्स व मानविकी विषयों के मॉडल पेपर का विमोचन किया. वह मॉडल पेपर के बारे में जानकारी दे ही रहे थे कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2015 6:24 AM
पटना: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने लंबे इंतजार के बाद शनिवार को इंटर का मॉडल पेपर जारी कर दिया. समिति के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह ने छात्रों के हंगामे के बीच साइंस, आर्ट्स, कॉमर्स व मानविकी विषयों के मॉडल पेपर का विमोचन किया. वह मॉडल पेपर के बारे में जानकारी दे ही रहे थे कि कुछ छात्रों ने इसके दाम को लेकर विरोध करना शुरू कर दिया.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के इन छात्रों ने अध्यक्ष के पास पहुंच कर नारेबाजी शुरू कर दी और लगभग 20 मॉडल पेपर को उठा कर फाड़ डाला. अध्यक्ष के बार-बार समझाने के बावजूद छात्र नारेबाजी करते रहे. वे दाम कम करने की मांग कर रहे थे. हंगामा रोकने के लिए बोर्ड के सिक्यूरिटी गार्ड को बुलाना पड़ा. 20 मिनट तक छात्रों ने कार्यालय के अंदर हंगामा किया.

हर विषय में 500 प्रश्न
इस साल इंटर का पैटर्न बदल गया है. इसकी जानकारी परीक्षार्थियों को देने के लिए समिति ने कई साल बाद मॉडल पेपर निकाला है. साइंस के मॉडल पेपर में हर विषय के लिए लगभग 500 प्रश्न दिये गये हैं. इन प्रश्नों के उत्तर भी दिये गये हैं. समिति के अनुसार इंटर में पांच सेटों में जितने प्रश्न होते हैं, उतने प्रश्न मॉडल पेपर में एक विषय के लिए रखे गये हैं.
2011 के बाद प्रकाशन
इससे पहले समिति ने 2011 में मॉडल पेपर निकाला था. इसकी बिक्री के लिए इंटर काउंसिल में कई काउंटर बनाये गये थे. मॉडल पेपर नहीं मिलने के कारण छात्रों ने काफी हंगामा किया था. इसके बाद मॉडल पेपर निकालना बंद कर दिया गया. तत्कालीन अध्यक्ष एके पी यादव ने 2011 के बाद इसे बंद कर दिया. 2014 में परीक्षा पैटर्न में परिवर्तन किया गया. तब तत्कालीन अध्यक्ष राजमणि प्रसाद सिंह ने बदले हुए पैटर्न पर मॉडल पेपर निकाला. लेकिन, इसका हार्ड कॉपी पिंट्र नहीं किया गया. बदले हुए पैटर्न की जानकारी बोर्ड की वेबसाइट पर डाल दी गयी.
पत्रकारों के नाम पर आना ठीक नहीं
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सचिव श्रीनिवास चंद्र तिवारी ने कहा कि पत्रकारों के नाम पर इस तरह समिति कार्यालय में छात्रों का आना अच्छी बात नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि विरोध था, तो वे सब हमसे आकर मिल सकते थे. इस तरह हंगामा करने से माहौल खराब होता है. समिति की बेवजह बदनामी होती है. सचिव ने कहा कि मॉडल पेपर का दाम टेक्स्ट बुक कॉरपोरेशन द्वारा तय किया गया है. हम इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं.

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