पटना: पूर्व मुख्यमंत्री व जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को बदलने के कयास को अनावश्यक बताया. कहा कि यह कयास न जाने क्यों और कहां से उड़ा है, यह पता नहीं है. मैं फिलहाल राजनीतिक दलों के मजर्र में लगा हूं. दिल्ली में मुख्यमंत्री को बदलने के विषय पर न तो चर्चा हुई है और न ही यह आवश्यक है. बावजूद इसके उन्हें बदलने की खबरें छपती रहीं और दिखायी जाती रहीं.
पूर्व मुख्यमंत्री तीन दिनों के अपने दिल्ली दौरे के बाद रविवार को पटना लौटे. पटना एयरपोर्ट पर उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री को बदलने का सवाल विचारणीय नहीं हैं, इसलिए उसका कोई जवाब देना सही नहीं. इससे विवाद को बढ़ावा मिलेगा. वैसे दिल्ली जाते हुए उन्होंने कहा था कि बिहार की समस्याओं के लिए दिल्ली जाने की जरूरत नहीं है.
छह राजनीतिक दलों के महाविलय के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि दिल्ली यात्र के दौरान अच्छी बात हुई है. शरद यादव, मुलायम सिंह यादव से बातचीत हुई. पहले से विलय के बारे में सैद्धांतिक रूप से सहमति बनायी गयी है. विलय पर समय लगता है. बहुत लोगों को लगता है कि हमारा अलग अस्तित्व है. विलय से स्वतंत्र अस्तित्व पर कहीं कोई खतरा तो नहीं होगा? सब अपनी पार्टी के अंदर बात कर रहे हैं. इन मामलों पर चर्चा कर रहे हैं. कम-से-कम समय में विलय हो जाये, इसके लिए भी सभी प्रयास कर रहे हैं. सिर्फ जदयू-राजद के विलय के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि सिर्फ जदयू-राजद के विलय की बात नहीं है. इसमें कई राजनीतिक दलों का विलय होना है.
सभी दल अपने तरीके से लगे हुए हैं कि जल्द-से-जल्द कैसे विलय हो. नीतीश कुमार ने कहा कि विलय की प्रक्रिया तेज हो गयी है. इसलिए संपर्क रैली को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. यह रैली विधानसभा क्षेत्रवार होनी है. जब विलय हो जायेगा, तो नयी पार्टी बनेगी. उसके बाद नयी पार्टी के मन मिजाज से कार्यक्रम तय किये जायेंगे और जनता के बीच जाया जायेगा. यह अच्छा रहेगा. उससे पहले जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह मकर संक्रांति के मौके पर दही-चूड़ा का भोज आयोजन कर रहे हैं. उसमें जदयू-राजद समेत समाजवादी पार्टी व अन्य दलों को भी न्योता दिया गया है.
केंद्र सरकार के खिलाफ होगा आंदोलन
पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भूमि अधिग्रहण मामले पर आये अध्यादेश के खिलाफ आंदोलन किया जायेगा. कानून बनाने के बजाय अध्यादेश लाया गया है. इससे किसानों के साथ अन्याय हुआ है. पुराने कानून को भंग कर दिया गया, जो किसानों के हित में था. इस फैसले से किसानों में भी रोष है. इसके खिलाफ अभियान चलाया जायेगा. इसमें जदयू, राजद, सपा समेत अन्य पार्टियां आंदोलन में शामिल होंगी. इसके लिए सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को अधिकृत किया गया है. वह आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे. नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने अपनी मनमरजी से बड़े और कॉरपोरेट घरानों को सुविधा देने के लिए यह अध्यादेश लाया है. किसानों का हक मार कर पुराने कानून की आत्मा ही मार दी गयी है.